नवीनतम लेख
आरती में दीपक क्यों घुमाया जाता है?
सनातन हिंदू धर्म में अग्नि को बेहद ही शुद्ध माना गया है। यही कारण है कि पूजा के अंत में जलती हुई आरती या दीपक की लौ को आराध्य देव के सामने एक विशेष विधि से घुमाया जाता है।
विवाह में क्यों होते हैं सात फेरे
हिंदू धर्म में शादी केवल एक सामाजिक बंधन नहीं है। बल्कि, इसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। विवाह को 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार के रूप में गिना जाता है।
हिंदू धर्म में विवाह को एक विशेष संस्कार माना गया है, जो 16 संस्कारों में से एक है। यह ना सिर्फ सामाजिक बंधन है, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है।
धार्मिक कार्यक्रमों और आयोजनों के दौरान हिंदू धर्म में शंख बजाना एक परंपरा है जो युगों-युगों से चली आ रही है। शंख हमारे लिए सिर्फ एक वाद्ययंत्र नहीं हमारी धार्मिक संस्कृति और प्रथाओं का हिस्सा है। यह हमारे लिए आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक भी है।
पीपल के पेड़ की पूजा क्यों होती है?
सनातन धर्म में नदियों, पहाड़ों और पेड़ पौधों तक को देवताओं के समान पूजने की परंपरा है। यह हमारी धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा है, जिसका संबंध प्रकृति प्रेम, पर्यावरण की रक्षा और ईश्वर की दी गई हर चीज के प्रति सम्मान की भावना और विज्ञान की अवधारणाओं से जुड़ा हुआ है।
काल भैरव को क्यों चढ़ाई जाती है शराब
महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित बाबा काल भैरव मंदिर अपने अनोखे चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है। यहां शिवजी के पांचवें अवतार कहे जाने वाले काल भैरव की लगभग 6 हजार साल पुरानी मूर्ति स्थापित है।
घर में कैसे लगाएं भगवान की तस्वीर?
हिन्दू धर्म में कुल 33 करोड़ देवी-देवता की पूजा अर्चना का विधान है। कुछ ग्रंथों में इस संख्या को तैंतीस प्रकार के देवताओं के रूप में पारिभाषित किया गया है।
शिव जी को क्यों नहीं चढ़ाई जाती तुलसी?
प्राचीन काल से ही हिंदुओं के घर आंगन में तुलसी का पौधा उगाया जाता है। तुलसी का आयुर्वेदिक और धार्मिक महत्व हमारे वेदों पुराणों में वर्णित है। तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है।
बद्रीनाथ में क्यों नही बजता शंख?
भारत के पौराणिक, धार्मिक और प्राचीनतम तीर्थ स्थलों में बद्रीनाथ धाम मंदिर का स्थान बहुत ही खास है। इसे हिंदू धर्म के चार धामों में से सबसे बड़ा धाम माना गया है। इस चमत्कारी और दिव्य धाम में हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शन को आते हैं।