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वृंदावन के निधिवन का रहस्य क्या है
यहां भगवान की मधुर छवि और उनके प्रेम की अद्भुत कहानियां आज भी सभी भक्तों के दिलों में बसी है। कृष्ण भक्तों की अटूट श्रद्धा का केंद्र, निधिवन में रोजाना हजारों भक्त श्रीकृष्ण और राधा जी के दर्शन के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है कि निधिवन में आज भी रात के समय भगवान श्रीकृष्ण अपनी गोपियों के साथ रासलीला का आनंद लेते हैं।
जैसे जैसे कुंभ पास आते जा रहा है, लोगों के मन में इससे जुड़ी बातों के बारे में जानने की इच्छा बढ़ रही है। अखाड़ों के बारे में जानने में लोगों को खासा इंटरेस्ट है. इन्हें देखने के लिए तो वे बहुत दूर दूर से संगम नगरी पहुंचने वाले हैं।
वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख तीन अखाड़े कौन से हैं
हिंदू धर्म के 13 प्रमुख अखाड़े अलग-अलग संप्रदायों में बंटे हुए है। इन्ही में से एक संप्रदाय है वैष्णव। वैष्णव संप्रदाय के साधु संत भगवान विष्णु और उनके अवतारों के उपासक होते हैं।
इस अखाड़े से जुड़े हैं योगी आदित्यनाथ
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 13 प्रमुख अखाड़ों को मान्यता दे रखी है। इन्हीं में से एक अखाड़ा है नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा। इस अखाड़े से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जुड़े हुए है।
चरण स्पर्श क्यों किया जाता है?
अपने बचपन से ही हमने देखा है कि हमारे घरों में बड़े-बुजुर्गों को चरण स्पर्श करके प्रणाम करना कितना महत्वपूर्ण माना जाता था। उनके आशीर्वाद पाने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।
जानें आवाहन अखाड़े के बारे में सबकुछ
महाकुंभ की शुरुआत में अब 1 महीने का समय बचा है। लगभग सभी अखाड़े प्रयागराज भी पहुंच चुके हैं। लेकिन इन दिनों शैव संप्रदाय का एक अखाड़ा चर्चा में बना हुआ है।
जानें आनंद अखाड़े के बारे में सबकुछ
शैव संप्रदाय के 7 प्रमुख अखाड़े हैं। इनमें से ही एक अखाड़ा है 'आनंद अखाड़ा'। इसका पूरा नाम 'श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती’ है।
8वीं सदी में बनाए थे 13 अखाड़े
प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। अखाड़ों का आना भी शुरू हो गया है। महर्षि आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में इनकी स्थापना की थी। यह कुंभ मेले की शान होते है।
जानें अखाड़ों के बारे में सबकुछ ?
कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक समागम है। इसमें लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। मेले का मुख्य आकर्षण साधु संतों के अखाड़े होते है। जिनकी दिव्यता को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।