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सिर्फ दिवाली के दिन खुलता है बेंगलुरू का लक्ष्मी मंदिर
भारत एक ऐसा देश है, जहां हर कहीं कई किस्से कहानियां है। यहां के हर शहर हर राज्य में कई कहानियां देखने को मिलती है। हर शहर के नाम के पीछे कोई न कोई पौराणिक कहानी है।
दिवाली पर क्यों खेला जाता है जुआ
दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा, आराधना, जप, तप, हवन की परंपरा है। पांच दिवसीय दिपोत्सव में ऐसी कई धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराएं है जो इस त्योहार को विशेष और अलग बनाती हैं।
भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों और विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर एक रोचक और विशिष्ट प्रथा प्रचलित है।
माता लक्ष्मी को क्यों प्रिय है कमल का फूल
इस सृष्टि के समस्त धन और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री माता लक्ष्मी को पवित्रता और निर्मलता की देवी भी कहा जाता है। जहाँ माता लक्ष्मी का निवास होता है वह स्थान पवित्रता से परिपूर्ण होता है।
भारत विविध परंपराओं और संस्कृतियों का अद्भुत संगम है। यहाँ हर त्योहार सिर्फ उत्सव नहीं होता बल्कि लोक जीवन से गहराई से जुड़ी परंपराओं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने वाला होता है।
दीवाली, दिवाली या दीपावली जानें क्या है सही शब्द और अर्थ
दीपावली, जिसे आम बोलचाल में दीवाली भी कहा जाता है। ये त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है।
छोटी दिवाली का पावन त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इसे छोटी दिवाली के साथ-साथ रूप चौदस, काली चतुर्दशी और नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
नरक चतुर्दशी पर क्यों होती है यमराज की पूजा
छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन श्रीकृष्ण, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इनके अलावा इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का भी विधान है।
दिवाली 2024: मां लक्ष्मी की संपूर्ण आरती
दिवाली का त्योहार पूरे देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ अन्य देवी-देवताओं की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है।