नवीनतम लेख
हमेशा विष्णु जी के चरण क्यों दबाती हैं लक्ष्मी
पौराणिक कथाओं में जहां भी मां लक्ष्मी का वर्णन है वहां श्री हरि विष्णु जी का जिक्र अवश्य होता है। ये दोनों हमेशा एक दूसरे के साथ ही पूजे जाते हैं।
दीवाली 2024: माता लक्ष्मी ने क्यों छोड़ा स्वर्ग
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं और दानवों ने मिलकर क्षीरसागर में समुद्र मंथन किया था । इस समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्न सहित अमृत और विष की प्राप्ति हुई।
भारत के इन स्थानों पर नहीं मनाई जाती दीवली
दीपावली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इसे अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं।
शंख के बिना अधूरी है माता लक्ष्मी की पूजा
जानिए कौन हैं मां लक्ष्मी के भाई? इनके बिना अधूरी रहती हैं प्रत्येक पूजा?
माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है श्री सूक्त
दीवाली 2024: माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है श्री सूक्त, पाठ करने से तुरंत प्रसन्न होती हैं विष्णुप्रिया
अष्ट लक्ष्मी में गज लक्ष्मी का व्रत और पूजन दिवाली के समान महत्वपूर्ण है। यह व्रत 16 दिनों तक चलता है। इस दिन महालक्ष्मी देवी अपार धन संपत्ति और खुशहाल जीवन का विशेष वरदान देती हैं।
जानिए क्या हैं माता लक्ष्मी के आठ प्रमुख स्वरूप
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दीवाली के रूप में मनाई जाती है। इस दिन झिलमिलाते दीपों की ज्योति और हर्षोल्लास के साथ माता लक्ष्मी की विशेष पूजन की जाती है।
सनातन परंपरा में धन की देवी लक्ष्मीजी के आठ अवतार बताए गए हैं। जिन्हें अष्ट लक्ष्मी कहा जाता हैं। इनमें संतान लक्ष्मी भी माता के प्रमुख अवतारों में से हैं।
दीवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना कर उनसे धन-वैभव और सुख-शांति की कामना की जाती है।