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वराहावतार (Varaah Avataar)

क्या है भगवान विष्णु के वराह अवतार की कथा, किस दैत्य का किया था वध?

नरसिंह अवतार (Narsingh Avatar)

ब्रह्मदेव के इस वरदान की रक्षा के लिए भगवान विष्णु को लिया था नरसिंह अवतार, जानिए पूरी कथा

परशुराम अवतार

परशुराम ने क्यों किया अपना माता का वध, जानें क्या है धरती को क्षत्रिय विहीन करने की असल कहानी

कपिल अवतार (Kapil Avataar)

भगवान विष्णु के पांचवें अवतार की आराधना हम कपिल मुनि के रूप में करते हैं। यह अवतार विष्णु जी के 24 अवतारों में से प्रमुख है, जिसे अग्नि का अवतार भी कहा जाता है।

मत्स्य अवतार (Matsya Avtaar)

वेदों की रक्षा करने श्री हरि ने धारण किया था मत्स्य रुप, जानें दशावतार के पहले अवतार की संपूर्ण कहानी

श्रावण मास की शिवरात्रि आज, जानें कैसे महाशिवरात्री से अलग से यह शिवरात्रि (Shraavan Maas kee Shivaraatri Aaj, Jaanen kaise Mahaashivaraatree se Alag se Yah Shivaraatri)

श्रावण शिवरात्रि हर साल श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इसके विपरीत हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है

सावन में न करें यह काम नहीं तो शिव हो जायेंगे क्रोधित ! (Saavan Mein Na karen yah kaam Nahin To Shiv ho Jaayenge Krodhit !)

भगवान शिव के प्रिय मास की शुरुआत होते ही शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। बाबा के भक्त लंबी लंबी कतारों में लगकर भगवान शिव का अभिषेक और उनकी पूजा कर रहे हैं।

21 ब्रह्मांडों के देवता ब्रह्मा जी की उत्पति कैसे हुई, चार मुख होने के पीछे का रहस्य क्या है, जानिए उनके 59 पुत्रों के बारे में (21 Brahmaandon ke Devata Brahma Jee kee Utpati kaise Huee, Chaar Mukh Hone ke Peechhe ka Rahasy kya Hai, Jaanie unake 59 Putro

सृष्टि के सृजन कर्ता के रूप में सनातन धर्म के अनुसार ब्रह्मा जी का स्थान सभी देवों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से सृष्टि के सृजन और संतुलन का कार्य ब्रह्म देव के हाथों में है।

शिव के विचित्र श्रृंगार से जुड़े हैं कई अनोखे रहस्य, समझिए नाग, भस्म, नंदी, जटाएं और संपूर्ण शिव श्रृंगार का अर्थ (Shiv ke Vichitr Shrrngaar se Jude hain kaee Anokhe Rahasy, Samajhie Naag, Bhasm, Nandee, Jataen aur Sampoorn Shiv Shrrngaar ka Arth)

हिन्दू धर्म में हम जिन जिन देवताओं की पूजा करते हैं उन सब की अपनी एक अलग छवि और आभा मंडल है जो भक्तों का मन मोह लेती है। लेकिन भोलेपन के स्वामी भगवान भोलेनाथ शिव इस मामले में भी विरले ही हैं।