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गणेश जी के परिवार में रहस्यमयी विविधता
सनातन धर्म को समझना इतना आसान भी नहीं है। धर्म, सत्य और विज्ञान के साथ-साथ सामाजिक जीवन के लिए सनातन में बड़ा स्थान है।
आखिर गणेश जी को क्यों चढ़ाते हैं दूर्वा, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा
सनातन धर्म में देवताओं में सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है।
गणेश जी की 2 पत्नियां और 2 पुत्र थे, मिलिए गणपति जी के परिवार से
रिद्धी-सिद्धि के दाता गणेश जी भगवान शिव के परिवार में छोटे बेटे हैं। शिव परिवार या यूं कहें कि गणपति जी के घर में सभी एक-दूसरे से विपरीत मिजाज के लोग हैं।
गणपति, गजानन, गणाधिपति, लंबोदर; जानें गणेश जी के 15 मुख्य नामों का अर्थ
आपने अक्सर किसी काम का शुभारंभ करते समय भगवान गणेश का ये मंत्र जरूर सुना होगा। इसका अर्थ है- ‘घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।
एक समय हुआ करता था जब सनातन धर्म का पालन करने वाले लोग वैदिक ग्रंथ जैसे शास्त्र, पुराण, उपनिषद जैसे ग्रंथ ना सिर्फ पढ़ते थे बल्कि उनका अनुग्रहण भी किया करते थे।
श्री कृष्ण लीला: जब भगवान ने मथुरा पहुंचते ही कंस की दासी कुब्जा का उद्धार किया
अब तक हम कृष्ण अवतार के बारे में जितना भी जानते हैं उससे इतना तो कह सकते हैं कि कान्हा कोई भी काम बिना कारण नहीं करते थे।
वृन्दावन में बचपन बिताने के बाद जवान होकर श्रीकृष्ण मथुरा आए। यहां उन्हें अपने अवतार लेने के मुख्य उद्देश्य को पूरा करना था। लेकिन उन्होंने इससे पहले और भी कई लीलाएं की और कंस के कई साथियों का उद्धार किया।
जन्म के बाद से ही श्रीकृष्ण को मारने मथुरा के राजा कंस ने अपने एक से एक बलवान और मायावी राक्षसों को भेजा।
श्रीकृष्ण लीला: कान्हा को मारने गोकुल पहुंचे तीन राक्षस, भगवान ने सभी को मुक्ति दी
द्वापरयुग में श्रीकृष्ण के जन्म के साथ ही कंस का बुरा दौर शुरू हो गया था। जब से उसे पता चला था कि देवकी का आठवां लाल उसका काल है, उसने उसे मिटाने की कसम खा ली थी। लेकिन जगत के पालनकर्ता का कोई क्या बिगाड़ सकता है।