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क्या है निष्क्रमण संस्कार

वर्तमान समय में, हिंदू धर्म में मनुष्यों के जन्म से मृत्यु तक 16 संस्कार किए जाते हैं। इन्हीं में से छठवां संस्कार निष्क्रमण संस्कार होता है। धार्मिक मान्यता है कि शिशु को 4 महीने तक सूर्य की किरणों और वातावरण के समक्ष नहीं लाना चाहिए।

क्या है अन्नप्राशन संस्कार

अन्नप्राशन संस्कार हिंदू धर्म में मनुष्य के जीवन के 16 संस्कारों में से सातवां संस्कार होता है। यह संस्कार उस समय संपन्न होता है जब शिशु पहली बार अन्न ग्रहण करता है। जन्म के पहले छह महीनों तक शिशु अपनी माता के दूध पर निर्भर रहता है।

क्या है मुंडन संस्कार

शास्त्रों में कुल 16 संस्कारों का वर्णन मिलता है। जिसमें से एक प्रमुख होता है मुंडन संस्कार। यह संस्कार तब होता है, जब किसी बच्चे का जन्म होता है। यह आठवां संस्कार होता है। इसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहते हैं।

क्या है कर्णवेध संस्कार

सनातन धर्म के 16 प्रमुख संस्कारों में नौवां संस्कार कर्णवेध कहलाता है। कर्ण यानि कान और वेध यानी वेधना या छेदना होता है। इसे श्रवणेन्द्रि भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस संस्कार के बाद ही बच्चे का बौद्धिक विकास होता है।

क्या है उपनयन संस्कार

हिंदू धर्म में सोलह संस्कारों का विशेष महत्व है। इनमें से एक महत्वपूर्ण संस्कार उपनयन संस्कार है। यह संस्कार बालक के जीवन में आध्यात्मिक चेतना का संचार करता है और उसे शिक्षा ग्रहण करने हेतु तैयार करता है।

क्या है विद्यारंभ संस्कार

वेदारंभ संस्कार मनुष्य के जीवन का आध्यात्मिक और बौद्धिक विकास की ओर पहला कदम होता है। चूंकि, वेद का एक अर्थ 'ज्ञान‘ भी होता है। इसलिए, वेदारंभ संस्कार के माध्यम से व्यक्ति को सत्य और धर्म का मार्ग दिखाने वाला ज्ञान मार्ग प्रदान किया जाता है।

क्या है केशांत संस्कार

संस्कार जन्म से लेकर मृत्यु तक मानव जीवन के हर चरण में किए जाते हैं। इन संस्कारों के धार्मिक महत्व के साथ इनका वैज्ञानिक आधार भी है। यही कारण है कि ये संस्कार हजारों वर्षों से हिंदू संस्कृति और परंपरा का हिस्सा रहे हैं।

क्या है समावर्तन संस्कार

समावर्तन संस्कार, विद्या अध्ययन का अन्तिम संस्कार है। इस संस्कार में विद्या अध्ययन पूर्ण हो जाने के बाद ब्रह्मचारी शिष्य अपने आदरणीय गुरुजी की आज्ञा पाकर अपने घर लौट जाता है। इसी कारण इसे समावर्तन संस्कार कहा जाता है।

क्या है विवाह संस्कार

सनातन हिंदू धर्म में, विवाह संस्कार को जीवन के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है। विवाह संस्कार के माध्यम से वर-वधू का संबंध पवित्र बंधन में बंधता है।