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भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर राशि अनुसार उपाय

Sankashti Chaturthi 2025: इस दिन मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, कौन से राशि के जातकों को करने चाहिए कौन से उपाय; जानें


भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। विशेष रूप से इस दिन को "संकष्टी चतुर्थी" भी कहा जाता है, जो संकटों को दूर करने वाला और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला पर्व है। और चैत्र मास में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधिवत रूप से व्रत, पूजा और दान करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि बनी रहती है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता भी मिलती है।

राशि अनुसार दान के सुझाव


  • मेष राशि के लोगों को उस दिन "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप करना चाहिए और लाल वस्त्र, मसूर की दाल, सेब और अनार के साथ गुड़ का दान करना चाहिए।
  • वृषभ राशि के लोगों के लिए सफेद रंग की सामग्री का दान अत्यंत शुभ है। सफेद वस्त्र, चावल, दूध से बनी मिठाइयाँ, मिश्री और चांदी के बर्तन दान करें।
  • मिथुन राशि के लोगों को इस दिन विद्यार्थियों को पठन-पाठन की सामग्री दान करना चाहिए।
  • कर्क राशि के लोग इस दिन जल से भरे पात्र का दान करें। और भगवान गणेश को सफेद चंदन और कमल का फूल चढ़ाएं।
  • सिंह राशि के लोग इस दिन सूर्य को अर्घ्य दें और गरीब बच्चों को पीले रंग के कपड़े और मिठाइयाँ दान करें।
  • कन्या राशि के लोग इस दिन गौ माता को हरा चना खिलाएं और हरी मूंग दाल, हरा चना, हरी सब्जियां और हरे रंग के वस्त्र का दान करें।
  • तुला राशि के लोगों के लिए किसी ब्राह्मण को सफेद रंग की चीजें जैसे रुई, वस्त्र आदि देना शुभ होगा।
  • वृश्चिक राशि के लोग इस दिन भगवान गणेश को लाल सिंदूर और गुलाब के फूल चढ़ाएं। और रक्तदान या स्वास्थ्य से जुड़ी वस्तुओं का दान करें।
  • धनु राशि के लोग इस दिन गरीबों को धार्मिक पुस्तकें दान करें।
  • मकर राशि के लोग इस दिन "ॐ लम्बोदराय नमः" का जाप करें। और तिल, काले कपड़े तथा लोहे के बर्तन दान करें।
  • कुंभ राशि और मीन राशि के लोग भगवान गणेश को नीले फूल और तिल के लड्डू चढ़ाएं और गौशाला में दान-पुण्य करें।

शाबर मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

शाबर मंत्र भगवान शिव की विशेष कृपा का प्रतीक हैं, जो मनुष्य की समस्याओं को सहजता से हल करने के लिए बनाए गए। ये मंत्र संस्कृत के कठिन श्लोकों के विपरीत, क्षेत्रीय भाषाओं और बोली में रचे गए हैं, जिससे हर कोई इन्हें आसानी से पढ़ और उपयोग कर सकता है।

श्री महालक्ष्मी व्रत कथा

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सोना-चांदी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में सोने और चांदी की धातुओं का विशेष महत्व है। सदियों से ये भारतीय घरों का अभिन्न हिस्सा रही हैं। भारतीय संस्कृति में सोना-चांदी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

इस धरती पर स्वर्ग से सुन्दर, है तेरा दरबार(Is Dharti Par Swarg Se Sundar Hai Tera Darbar)

इस धरती पर स्वर्ग से सुन्दर,
है तेरा दरबार ॥