नवीनतम लेख

लक्ष्मी पंचमी पर करें लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ

Lakshmi Panchami 2025: लक्ष्मी पंचमी के दिन करें लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ, इससे खुलेंगी आपकी बंद किस्मत  

लक्ष्मी पंचमी का त्योहार मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। तो आइए, जानते हैं लक्ष्मी स्तोत्र का महत्व और इसके पाठ से मिलने वाले लाभ।

लक्ष्मी स्तोत्र से मिलती है आर्थिक तंगी से मुक्ति 

लक्ष्मी पंचमी पर लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और माता लक्ष्मी की कृपा से परिवार के सदस्यों को सुख और शांति की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति धन की कमी, कर्ज, अधिक खर्च, अटका हुआ पैसा, आय में वृद्धि न होना या व्यापार में रुकावट जैसी समस्याओं से चिंतित हैं, उनके लिए लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ अत्यंत लाभकारी होता है।

लक्ष्मी स्तोत्र मिलती है मानसिक शांति  

लक्ष्मी पंचमी के दिन लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही, यह पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति और आत्मविश्वास का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां लक्ष्मी का यह स्तोत्र इतना शक्तिशाली है कि इसे श्रद्धा और विश्वास से करने पर मनचाहा वरदान मिलता है, जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं।

ऐसे करें लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो स्थापित करें।
  • घी का दीपक जलाकर माँ को स्मरण करें और फिर कमल का फूल अर्पित करें।
  • माँ लक्ष्मी को पंचमेवा और खीर का भोग लगाएं।
  • मन में गलत विचार न आने दें और शुद्ध विचारों के साथ लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।
  • पाठ के बाद माता लक्ष्मी की आरती करें और ब्राह्मणों को भोजन करा कर दान-दक्षिणा दें।

लक्ष्मी स्तोत्र से जुड़ी पौराणिक कथा

एक समय की बात है एक गरीब ब्राह्मण आर्थिक तंगी से बेहद परेशान रहा करता था। यह देख एक साधु महाराज ने उसे रोज श्रद्धा से लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने की सलाह दी। फिर वह ब्राह्मण पूरी श्रद्धा से लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करने लगा, जिससे कुछ ही दिनों में उसका भाग्य बदलने लगा। इसके प्रभाव से व्यापारी ने ब्राह्मण को अपने यहां एक अच्छी नौकरी दे दी, जिससे उसकी गरीबी दूर हो गई और परिवार में सुख का वास होने लगा। उस समय से वह ब्राह्मण हर दिन माता लक्ष्मी को धन्यवाद देता और नियमपूर्वक लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करता।


जानें कब है विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

Hari Sundar Nand Mukunda Lyrics (हरि सुंदर नंद मुकुंदा)

हरि सुंदर नंद मुकुंदा,
हरि नारायण हरि ॐ

रामदूत महावीर हनुमान, स्वीकारो (Ramdoot Mahavir Hanuman Sweekaro)

प्रनवउँ पवनकुमार,
खल बन पावक ग्यान घन,

करवा चौथ व्रत-कथा की कहानी (Karva Chauth Vrat-katha Ki Kahani)

अतीत प्राचीन काल की बात है। एक बार पाण्डु पुत्र अर्जुन तब करने के लिए नीलगिरि पर्वत पर चले गए थे।