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फाल्गुन अमावस्या पर महाकुंभ का लाभ कैसे लें?

Phalguna Amavasya Snan: महाकुंभ नहीं जा पाए तो फाल्गुन अमावस्या के दिन कर लें ये काम, महाकुंभ स्नान के बराबर मिलेगा फल



उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला  अपने अंतिम दिनों में है। 144 साल में बने संयोग में स्नान करने के लिए रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं। इस कारण ट्रेन और बसों में भी बड़ी संख्या में भीड़ देखने मिल रही है। मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप भी महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जाने की सोच रहे थे, लेकिन किसी कारणवश जा नहीं जा पाए तो चिंता मत करिए। फाल्गुन माह की अमावस्या 27 फरवरी को कई जगहों पर मनाई जाएगी। इस दिन आप कुछ विशेष उपाय करके आप महाकुंभ स्नान के बराबर फल प्राप्त कर सकते हैं। चलिए आर्टिकल के जरिए आपको उन उपायों के बारे में बताते हैं।


पवित्र नदियों में स्नान 


  • यदि आप महाकुंभ स्नान करने नहीं जा पाएं है तो अपने शहर या घर के आस पास किसी पवित्र नदी में स्नान कर लें। अगर यह भी नहीं हो पाए, तो नहाने वाले जल में गंगाजल मिला लें।
  • सूर्य को अर्घ्य 
  • महाकुंभ स्नान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सूर्य उपासना होती है। इसलिए फाल्गुन अमावस्या  के दिन स्नान करने के बाद  सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें।


पितरों को तर्पण


  1. फाल्गुन अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है। इस दिन पितरों को तर्पण करने से सभी तरह के दोष खत्म होते हैं। पितरों को भी शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद मिलता है।
  2. दान पुण्य 
  3. दान दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम माना गया है। फाल्गुन अमावस्या के दिन दान पुण्य करने से  विशेष फल प्राप्त होता है। आप गेहूं, चावल , तिल, गुड़,  आटा और कपड़े जैसी चीजों को भी दान कर सकते हैं।
  4. भगवान विष्णु की पूजा
  5. फाल्गुन अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। शिवलिंग की पूजा करना भी इस दिन पर खास महत्व रखता है।


फाल्गुन अमावस्या पर क्या न करें?


फाल्गुन अमावस्या के दिन अगर उपवास कर रहे हैं, तो किसी भी तरह का झूठ न बोले। अपने मन में बुरे विचार नहीं आने दें। तामसिक खाना खाने से बचे। इसके अलावा किसी भी जीव या इंसान को नुकसान न पहुंचाएं। 

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प्रदोष व्रत की कथा

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चैत्र मास में करें ये उपाय

चैत्र माह की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है। यह हिंदू पंचांग का पहला महीना है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्व है। इस मास में की गई पूजा, व्रत और दान-पुण्य का प्रभाव संपूर्ण वर्ष पर पड़ता है। इसके अलावा मान्यता है कि इस माह में कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सफलता प्राप्त होती है।