नवीनतम लेख

शनि त्रयोदशी के उपाय

Shani Trayodashi 2025: साढ़ेसाती-ढैय्या और शनि दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय


शनि देव 9 ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलने वाले ग्रह हैं। इसी कारण शनि देव 1 राशि में साढ़े सात साल तक विराजमान रहते हैं। इसी वजह से ही राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चलती है। जो लोग शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित होते है, उन्हें शनिदेव चैन से नहीं रहने देते हैं। इस दौरान मानसिक तनाव, सेहत की दिक्कतें और पैसों की तंगी हो सकती है। आइए जानते हैं इससे बचने के कुछ ज्योतिष उपाय...


शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के करें उपाय



दीपक में डालें काला तिल


यदि आप शनि की साढ़ेसाती या शनि दोष से परेशान है और इसे दूर करना चाहते हैं तो आप शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद स्नान कर साफ वस्त्र पहन कर दीपक के तेल में काला तिल डाले। दीपक में 7, 14, 21 या 28 काले तिल डाले। दीपक को घर के पूजा स्थान पर रखें। आप चाहें शनि मंदिर में भी दीप प्रतिमा के सामने रख सकते हैं। दीपक जलाकर शनि देव का मंत्र जाप करें या शनि चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। साथ ही इससे शनि देव की कुदृष्टि, दोष और अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। साथ ही इससे आपके परिवार में व्याप्त किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से भी मुक्ति मिल सकती है। 

सरसों का तेल करें दान


शनि की साढ़ेसाती अथवा ढैय्या के दौरान शनि की पीड़ा से बचने के लिए शनिवार के दिन सरसों के तेल में अपना चेहरा देखकर उसे शनि का दान लेने वाले व्यक्ति को दान करना चाहिए। दान लेने वाला व्यक्ति न मिले तो तेल में चेहरा देखकर पीपल के वृक्ष के नीचे रख दें। प्रत्येक शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे तेल का दीया जलाकर शनिदेव से जाने-अन्जाने में किए गए दोषपूर्ण कार्यों के लिए क्षमा-याचना करनी चाहिए। ऐसा करने से विशेष राहत मिलती है।


चीटियों को आटा खिलाएं


 ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, यदि आप पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है तो प्रत्येक शनिवार को काले तिल, आटा, शक्कर लेकर इन तीनों चीज़ों को मिला लें उसके बाद ये मिश्रण काली चींटियों को खिलाए। 


जरूरतमंदों को दान करें 


दान पुण्य करने वाले लोगों से शनि देव प्रसन्न रहते हैं। इसलिए अपने सामर्थ्य के अनुसार काली तिल, काला कपड़ा, कंबल, उड़द की दाल का दान करें। हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि दोष कम होते हैं।

कितने दिन रहेगी माघ गुप्त-नवरात्रि

सनातन हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। नवरात्रि भी इन्हीं में से एक है। एक साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें से 2 नवरात्रि प्रत्यक्ष और 2 गुप्त मानी जाती हैं।

आमलकी एकादशी पौराणिक कथा

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी के अलावा आंवला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन आंवले पेड़ की उत्तपति हुई थी।

मेरे उज्जैन के महाकाल(Mere Ujjain Ke Mahakal )

तेरी होवे जय जयकार,
मेरे उज्जैन के महाकाल,

ऋषि पंचमी का व्रत रखने से महिलाओं को मिलती है रजस्वला दोष से मुक्ति, पहली बार व्रत रखने पर ध्यान रखें ये नियम

हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।