नवीनतम लेख

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी (Banke Bihari Krishan Murari)

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे,

दर्शन दीजो शरण में लीजो,

हम बलहारी कहाँ छुपे।

॥ बांके बिहारी कृष्ण मुरारी..॥


आँख मचोली हमें ना भये,

जग माया के जाल बिछाये,

रास रचा कर बंसी बजा कर,

धेनु चारा कर प्रीत जगा कर,

नटवर नागर निष्ठुर छलिया,

लीला न्यारी कहाँ छुपे।

॥ बांके बिहारी कृष्ण मुरारी..॥


सर्व व्यापक तुम अविनाशी,

जल थल गगन रवि घट बासी,

योग सुना कर रथ को चला कर,

कहाँ खो गए हमको लुभा कर,

गोविन्द गोविन्द मीरा गायी,

गणिका तारी कहाँ छुपे।

॥ बांके बिहारी कृष्ण मुरारी..॥


बांके बिहारी कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे,

दर्शन दीजो शरण में लीजो,

हम बलहारी कहाँ छुपे।


जय जय राधे श्री राधे, श्री राधे राधे,

जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा।

करो हरी का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती हे (Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Beeti Jati Hai)

करो हरी का भजन प्यारे,
उमरिया बीती जाती हे,

ओ मैया मैं तुम्हारा, लगता नहीं कोई (O Maiya Main Tumhara Lagta Nahi Koi)

ओ मैया मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,

दुर्गा चालीसा पाठ

धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

मन चल रे वृन्दावन धाम(Man Chal Re Vrindavan Dham)

मन चल रे वृन्दावन धाम,
राधे राधे गाएंगे,

यह भी जाने