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जिंदगी एक किराये का घर है - भजन (Zindgai Ek Kiraye Ka Ghar Hai)

जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा

मौत जब तुझको आवाज देगी,

घर से बाहर निकलना पड़ेगा ॥


मौत का बजा जिस दिन डंका

फूँक दी तब पल में सोने की लंका

कर गयी मौत रावण का बांका

वैसे तुझको भी जलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा ॥


रात के बाद होगा सवेरा

देखना हो अगर दिन सुनहरा

पाँव फूलों पे रखने से पहले

तुझको काँटों पे चलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा ॥


ये जवानी है दो दिन का सपना,

ढूँढ ले तू जल्द राम अपना

ये जवानी अगर ढल गयी तो,

उमर भर हाथ मलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा ॥


ये तसवुर ये जोशो-जवानी

चंद लम्हों की है यह कहानी

ये दिया शाम तक देख लेना

चढ़ते सूरज को ढलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा ॥


जिंदगी एक किराये का घर है,

एक न एक दिन बदलना पड़ेगा

मौत जब तुझको आवाज देगी,

घर से बाहर निकलना पड़ेगा ॥

सत्संगति से प्यार करना सीखोजी(Sat Sangati Se Pyar Karana Sikho Ji)

सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी

विवाह पंचमी कब है

विवाह पंचमी एक विशेष हिंदू पर्व है, जो भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रामभक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।

प्राण त्यागने से पहले भीष्म ने क्या कहा था?

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। यह महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जिसमें अनेक शिक्षाएं निहित हैं। महाप्रतापी योद्धा भीष्म पितामह को इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था, जिसके कारण वे अपनी इच्छा से प्राण त्याग सकते थे।

श्री राम स्तुति: नमामि भक्त वत्सलं (Namami Bhakt Vatsalan)

नमामि भक्त वत्सलं ।
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