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अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती (Agar Maa Ne Mamta Lutai Na Hoti)

अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती ॥


द्वारे पे आए माँ हमको निहारो,

सोई हुई तक़दीर संवारो,

अगर माँ की ज्योति जलाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

अगर मां ने ममता ॥


हमें क्या पड़ी है हम तुम्हे मनाए,

हमारा तो हक़ है की हम रूठ जाए,

अगर माँ मनाने तू आई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

अगर मां ने ममता ॥


फटकार देना माँ दुत्कार देना,

मगर भोली माँ लाल को प्यार देना,

अगर माँ ने बिगड़ी बनाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

अगर मां ने ममता ॥


अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती ॥

कार्तिगाई पर जलाएं पांच दीपक

मासिक कार्तिगाई एक विशेष हिंदू त्योहार है। यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। इस दिन दीप जलाने की परंपरा है। इस दिन खासकर घरों और मंदिरों में दीपक जलाया जाता है।

वृश्चिक संक्रांति की पूजा विधि

संक्रांति मतलब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना और इसका वृश्चिक राशि में प्रवेश वृश्चिक संक्रांति कहलाता है। यह दिन सूर्य देव की विशेष पूजा और दान करने के लिए शुभ है और व्यक्ति के भाग्योदय में होता है।

भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम (Bhar Pichkari Mari Hai Fag Machayo Shyam)

अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम,
अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्या,

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हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती

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