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मासिक दुर्गाष्टमी तिथि और शुभ-मुहूर्त

फरवरी 2025 में कब है मासिक दुर्गाष्टमी व्रत? यहां जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्त्व 


प्रत्येक महीने की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां दुर्गा के चरण और शरण में रहने से साधक को सभी प्रकार के सुखों मिलते हैं। इसके साथ ही सभी संकटों से भी मुक्ति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र में भी धन समेत सभी प्रकार की समस्याओं से निजात पाने हेतु मां दुर्गा की पूजा की सलाह दी जाती है। तो आइए, इस आर्टिकल में माघ माह की दुर्गा अष्टमी की तिथि एवं शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं। 


जानिए दुर्गाष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त


वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 05 फरवरी को रात्रि के 02 बजकर 30 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 06 फरवरी को देर रात्रि 12 बजकर 35 मिनट पर होगा। बता दें कि मां दुर्गा की पूजा निशा काल में की जाती है। अत: 05 फरवरी को माघ महीने की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।


मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ योग 


ज्योतिषियों की मानें तो माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शुक्ल और ब्रह्म योग बन रहा है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है। इस दिन भद्रा दोपहर तक स्वर्ग में रहेंगी। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सभी प्रकार के सुख के साधन सुलभ होते हैं। साथ ही सारे बिगड़े काम भी बन जाते हैं।  भक्त अपनी सुविधा अनुसार समय पर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।


जान लीजिए मुहूर्त काल 


  • सूर्योदय:- सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर
  • सूर्यास्त:- शाम 06 बजकर 04 मिनट पर
  • चन्द्रोदय:- सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर
  • चंद्रास्त:- देर रात 01 बजकर 30 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त:- सुबह 05 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 15 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त:- दोपहर 02 बजकर 25 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त:- शाम 06 बजकर 01 मिनट से 06 बजकर 27 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त:- रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक


मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि 


इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें। फिर पूजा स्थान को साफ करें और देवी दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद मां दुर्गा की मूर्ति के सामने दीपक प्रज्वलित करें।


जानिए मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व 


दुर्गाष्टमी के पावन दिन माता के पूजन से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। यह दिन विशेष रूप से शत्रुओं को पराजित करने, रोगों से मुक्ति और सभी दुखों से छुटकारा पाने के लिए जाना जाता है। वहीं, जो लोग संतान सुख से वंचित हैं उनके लिए यह व्रत करना शुभ माना जाता है।


धनतेरस की पौराणिक कथा

धनतेरस का पर्व प्रति वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे।

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