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सज धज के बैठी है माँ, लागे सेठानी (Saj Dhaj Ke Baithi Hai Maa Laage Sethani)

सज धज के बैठी है माँ,

लागे सेठानी,

लागे सेठानी ओ मेरी माँ,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


किसने मैया जी तेरी चुनरी बनाई,

किसने मैया जी तेरी चुनरी बनाई,

चुनरी बनाई तेरे सिर पे सजाई,

चुनरी में तार हजार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


किसने मैया जी तेरी पायल बनाई,

किसने मैया जी तेरी पायल बनाई,

पायल बनाई तेरे पैरो में पहनाई,

पायल में घुंघरू हजार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


किन किन हाथों में मैया मेहंदी लगाऊं,

किन किन हाथों में मैया मेहंदी लगाऊं,

मेहंदी लगाऊं तेरे हाथों में रचाऊं,

मैया जी के हाथ है हजार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


मेरी माता के नवराते है आए,

मेरी मैया के नवराते है आए,

सब मिलकर माँ की ज्योति जगाए,

‘रवि’ लगाए जय जयकार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


सज धज के बैठी है माँ,

लागे सेठानी,

लागे सेठानी ओ मेरी माँ,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥

भागीरथ-नंदिनी जी की आरती (Bhagirath-Nandini Ji Ki Aarti)

जय जय भगीरथ-नंदिनी, मुनि-चय चकोर-चन्दिनी,
नर-नाग-बिबुध-वंदिनी, जय जह्नुबालिका।

हरिद्वार जाउंगी, सखी ना लौट के आऊँगी(Haridwar Jaungi Sakhi Na Laut Ke Aaungi)

सखी हरिद्वार जाउंगी,
हरिद्वार जाउंगी,

मासिक कार्तिगाई पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म में, कार्तिगाई का विशेष महत्व है। यह पर्व दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित है। इस दिन लोग अपने घरों और आस-पास दीपक जलाते हैं।

तेरे द्वार खड़ा भगवान, भक्त भर (Tere Dwaar Khada Bhagawan Bhagat Bhar De Re Jholi)

तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भक्त भर दे रे झोली ।

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