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यह तो प्रेम की बात है उधो (Ye Too Prem Ki Baat Hai Udho)

यह तो प्रेम की बात है उधो,

बंदगी तेरे बस की नहीं है।

यहाँ सर देके होते सौदे,

आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥


प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा,

उनकी पूजा में सुन ले ए उधो।

यहाँ दम दम में होती है पूजा,

सर झुकाने की फुर्सत नहीं है॥

॥ यह तो प्रेम की बात है उधो...॥


जो असल में हैं मस्ती में डूबे,

उन्हें क्या परवाह ज़िन्दगी की।

जो उतरती है चढ़ती है मस्ती,

वो हकीकत में मस्ती नहीं है॥

॥ यह तो प्रेम की बात है उधो...॥


जिसकी नजरो में है श्याम प्यारे,

वो तो रहते हैं जग से न्यारे।

जिसकी नज़रों में मोहन समाये,

वो नज़र फिर तरसती नहीं है॥

॥ यह तो प्रेम की बात है उधो...॥


यह तो प्रेम की बात है उधो,

बंदगी तेरे बस की नहीं है।

यहाँ सर देके होते सौदे,

आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥

ऋषि पंचमी का व्रत रखने से महिलाओं को मिलती है रजस्वला दोष से मुक्ति, पहली बार व्रत रखने पर ध्यान रखें ये नियम

हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।

फूलों में सज रहे हैं (Phoolon Mein Saj Rahe Hai)

फूलों में सज रहे हैं,
श्री वृन्दावन बिहारी,

खाटू वाले श्याम धणी को, हैलो आयो है(Khatu Wale Shyam Dhani Ko Helo Aayo Hai)

खाटू चालों खाटू चालों,
खाटू वाले श्याम धणी को,

क्षिप्रा के तट बैठे है, मेरे भोले भंडारी (Shipra Ke Tat Baithe Hai Mere Bhole Bhandari)

क्षिप्रा के तट बैठे है,
मेरे भोले भंडारी,