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अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा (Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)

बेला अमृत गया,

आलसी सो रहा बन आभागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

बेला अमृत गया,

आलसी सो रहा, बन आभागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,


झोलियाँ भर रहै भाग्य वाले,

लाख पतितो ने जीवन सम्भाले,

रंक राजा बने, प्रभु रस में सने, कष्ट भागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


प्रभु कृपा से नर तन यह पाया,

आलसी बनकर यूँ ही गँवाया

उल्टी हो गई मती,

कर ली अपनी छती, चोला त्यागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


स्वास एक एक अनमोल बीता,

अमृत के बदले विष को तू पीता,

सौदा घाटे का कर,

हाथ माथे पे धर, रोने लगा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


मानव कुछ भी न तूने बिचारा,

सिर से ऋषियो का ऋण न उतारा,

गुरु का नाम न लिया,

गंदा पानी पीया, बन के कागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


बेला अमृत गया,

आलसी सो रहा, बन आभागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

ऊँचे ऊँचे पर्वत पे, शारदा माँ का डेरा है (Unche Unche Parvat Pe Sharda Maa Ka Dera Hai)

ऊँचे ऊँचे पर्वत पे,
शारदा माँ का डेरा है,

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गरूड़ चढे भगवान ।

तुम आशा विश्वास हमारे, रामा - भजन (Tum Asha Vishwas Hamare Bhajan)

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अपने रंग रंगलो गजानन (Apne Rang Ranglo Gajanan)

अपने रंग रंगलो गजानन,
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