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तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है (Tum Utho Siya Singar Karo Shiv Dhanush Ram Ne Toda Hai)

तुम उठो सिया सिंगार करो,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

सीता से नाता जोड़ा है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


शीश सिया के चुनर सोहे,

टिके की छवि न्यारी है,

न्यारी न्यारी क्या कहिये,

रघुवर को जानकी प्यारी है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


हाथ सिया के चूड़ी सोहे,

कंगन की छवि न्यारी है,

न्यारी न्यारी क्या कहिये,

रघुवर को जानकी प्यारी है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


कमर सिया के तगड़ी सोहे,

झुमके की छवि न्यारी है,

न्यारी न्यारी क्या कहिये,

रघुवर को जानकी प्यारी है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


पैर सिया के पायल सोहे,

बिछिया की छवि न्यारी है,

न्यारी न्यारी क्या कहिये,

रघुवर को जानकी प्यारी है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


तुम उठो सिया सिंगार करो,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

सीता से नाता जोड़ा है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥

माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी(Maa Murade Puri Karde Main Halwa Batungi)

माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।
ज्योत जगा के, सर को झुका के,

Gurudev Daya Karke Mujhko Apna Lena (गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना)

मैं शरण पड़ा तेरी चरणों में जगह देना,
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना ।

हरिद्वार जाउंगी, सखी ना लौट के आऊँगी(Haridwar Jaungi Sakhi Na Laut Ke Aaungi)

सखी हरिद्वार जाउंगी,
हरिद्वार जाउंगी,

महाशिवरात्रि 2025 कब है

सनातन हिंदू धर्म में, महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह फरवरी या मार्च महीने में आती है।