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ये मैया मेरी है, सबसे बोल देंगे हम (Ye Maiya Meri Hai Sabse Bol Denge Hum)

ये मैया मेरी है,

सबसे बोल देंगे हम,

तोड़ के दुनिया से नाता,

माँ तुमसे जोड़ लेंगे हम,

ये मैया मेरी हैं,

सबसे बोल देंगे हम ॥


तुम्हारा ही भरोसा है,

तुम्हारा ही सहारा है,

मेरी आँखो के आगे माँ,

बस तेरा ही नजारा है,

एक यही विनती है,

पास रखना मैया हरदम,

ये मैया मेरी हैं,

सबसे बोल देंगे हम ॥


जो कुछ भी पास है मेरे,

तुम्हारी है मेहरबानी,

तुम्हारी ही दया से माँ,

चले मेरा दानापानी,

मुझे भी अपना लो,

सफल हो जायेगा जनम,

ये मैया मेरी हैं,

सबसे बोल देंगे हम ॥


सभी है बेटे माँ तेरे,

हमें इकबार कह दे तू,

‘श्याम’ को लेकर गोदी में,

थोड़ा सा प्यार करले तू,

अगर माँ मिल जाये,

जमाना छोड़ देंगे हम,

ये मैया मेरी हैं,

सबसे बोल देंगे हम ॥


ये मैया मेरी है,

सबसे बोल देंगे हम,

तोड़ के दुनिया से नाता,

माँ तुमसे जोड़ लेंगे हम,

ये मैया मेरी हैं,

सबसे बोल देंगे हम ॥

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दीपोत्सव यानी दिवाली के ठीक 10वें दिन एक और पर्व मनाया जाता है, जो हमें सिखाता है कि कैसे हमेशा बुराई पर अच्छाई की विजय होती है।

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आरति श्रीवृषभानुलली की, सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥
भयभन्जिनि भवसागर-तारिणी, पाप-ताप-कलि-कलुष-निवारिणी,

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

सुनो सुनो, सुनो सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो