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चला फुलारी फूलों को (Chala Phulari Phulon Ko)

उत्तराखंड के कुमाऊं एवं गढ़वाल में फुलारी बच्चों द्वारा घर की खुशहाली तथा सुख सम्रद्धि के लिए गाया जाने वाला गीत।


चला फुलारी फूलों को

सौदा-सौदा फूल बिरौला


हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि फ्योंली लयड़ी

मैं घौर छोड्यावा

हे जी घर बौण बौड़ीगे ह्वोलु बालू बसंत

मैं घौर छोड्यावा

हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि


चला फुलारी फूलों को

सौदा-सौदा फूल बिरौला

भौंरों का जूठा फूल ना तोड्यां

म्वारर्यूं का जूठा फूल ना लायाँ


ना उनु धरम्यालु आगास

ना उनि मयालू यखै धरती

अजाण औंखा छिन पैंडा

मनखी अणमील चौतर्फी

छि भै ये निरभै परदेस मा तुम रौणा त रा

मैं घौर छोड्यावा

हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि


फुल फुलदेई दाल चौंल दे

घोघा देवा फ्योंल्या फूल

घोघा फूलदेई की डोली सजली

गुड़ परसाद दै दूध भत्यूल


अयूं होलू फुलार हमारा सैंत्यां आर चोलों मा

होला चैती पसरू मांगणा औजी खोला खोलो मा

ढक्यां द्वार मोर देखिकी फुलारी खौल्यां होला

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली (Odh Chunariya Maiya Lal Chali)

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,
सिंघ सवारी पे है लगती भली ॥

श्रीदेव्यथर्वशीर्षम् (Sri Devi Atharvashirsha)

देव्यथर्वशीर्षम् जिसे देवी अथर्वशीर्ष के नाम से भी जाना जाता है, चण्डी पाठ से पहले पाठ किए जाने वाले छह महत्वपूर्ण स्तोत्र का हिस्सा है।

Shri Saraswati Chalisa (श्री सरस्वती चालीसा)

जनक जननि पद कमल रज, निज मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥

मुझे कैसी फिकर सांवरे साथ तेरा है गर सांवरे (Mujhe Kaisi Fikar Saware Sath Tera Hai Gar Saware)

मुझे कैसी फिकर सांवरे,
साथ तेरा है गर सांवरे,