नवीनतम लेख

तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ (Tumhi Me Ye Jivan Jiye Ja Raaha Hoon)

तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


तुम्हीं से चला करती प्राणों की धड़कन

तुम्हीं से सचेतन अहंकार तन मन

तुम्हीं में ये दर्शन...

तुम्हीं में ये दर्शन किए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


असत के सदा आश्रय हो तुम्हीं सत

तुम्हीं में विषय विष, तुम्हीं में है अमृत

पिलाते हो जो कुछ...

पिलाते हो जो कुछ पिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


जहाँ भी रहूँ ध्यान मैं तुमको देखूँ

तुम्हीं में हूँ मैं ज्ञान मैं तुमको देखूँ

पथिक मैं ये अर्ज़ी...

पथिक मैं ये अर्ज़ी दिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥


तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ

जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥

भीष्म अष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त एवं योग

माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन बाणों की शय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्याग किए थे। इसलिए सनातन धर्म में यह तिथि अत्यंत शुभ मानी गई है।

हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए (Hey Prabhu Anand Data Gyan Humko Deejiye)

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

जब जब इनके भक्तों पे, कोई संकट आता है(Jab Jab Inke Bhakto Pe Koi Sankat Aata Hai)

जब जब इनके भक्तों पे,
कोई संकट आता है,

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी: भजन (Balaji Mhara Kasht Niwaro Ji)

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,
दुखड़ा का मारया हाँ,

यह भी जाने