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यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)

यशोदा जायो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

मैं वेदन में सुन आई,

पुराणन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


मथुरा या ने जन्म लियो है,

मथुरा या ने जन्म लियो है,

गोकुल में झूले पलना,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


ले वसुदेव चले गोकुल को,

ले वसुदेव चले गोकुल को,

यमुना ने धोए चरणा,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


रत्न जड़ित या को बनो है पालना,

रत्न जड़ित या को बनो है पालना,

रेशम के लागे घूघरा,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि,

चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि,

चिर जीवे तेरो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


यशोदा जायो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

मैं वेदन में सुन आई,

पुराणन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त

अमावस्या की तिथि पितरों के तर्पण और उनकी पूजा-अर्चना के लिए शुभ मानी जाती है। जब अमावस्या किसी सोमवार को पड़ती है, तो इसे 'सोमवती अमावस्या' कहते हैं। सनातन धर्म में इस दिन का महत्व बहुत अधिक है।

ईश्वर को जान बन्दे, मालिक तेरा वही है(Ishwar Ko Jaan Bande Malik Tera Wahi Hai)

ईश्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है,

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने(Kirtan Racho Hai Mhare Angane)

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने,
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के उपाय

हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मार्गशीर्ष माह में ये पर्व 22 नवंबर को मनाया जा रहा है।

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