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यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)

यशोदा जायो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

मैं वेदन में सुन आई,

पुराणन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


मथुरा या ने जन्म लियो है,

मथुरा या ने जन्म लियो है,

गोकुल में झूले पलना,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


ले वसुदेव चले गोकुल को,

ले वसुदेव चले गोकुल को,

यमुना ने धोए चरणा,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


रत्न जड़ित या को बनो है पालना,

रत्न जड़ित या को बनो है पालना,

रेशम के लागे घूघरा,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि,

चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि,

चिर जीवे तेरो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


यशोदा जायो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

मैं वेदन में सुन आई,

पुराणन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥

मेरे गणराज आये है (Mere Ganaraj Aaye Hai)

वक्रतुण्ड महाकाय,
सूर्यकोटि समप्रभ:,

प्रदोष व्रत की कथा (Pradosh Vrat Ki Katha )

प्राचीनकाल में एक गरीब पुजारी हुआ करता था। उस पुजारी की मृत्यु के बाद उसकी विधवा पत्नी अपने भरण-पोषण के लिए पुत्र को साथ लेकर भीख मांगती हुई शाम तक घर वापस आती थी।

महाशिवरात्रि व्रत कथा प्रारम्भ | क्या शिवरात्रि पर व्रत करने से मुक्ति संभव

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जीवित्पुत्रिका व्रत, शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि

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