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यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भक्ता ने (Yasoda Ma Ke Hoyo Laal Badhai Saare Bhagta Ne)

यशोदा माँ के होयो लाल,

बधाई सारे भक्ता ने,

बधाई सारे भक्ता ने,

बाज्यो रे बाज्यो देखो थाल,

बधाई सारे भक्ता ने,

यशोदा मां के होयो लाल,

बधाई सारे भक्ता ने ॥


आज यो अँगणो धन्य हुयो है,

कृष्ण लला को जन्म हुयो है,

नाचो रे नाचो नौ नौ ताल,

बधाई सारे भक्ता ने,

यशोदा मां के होयो लाल,

बधाई सारे भक्ता ने ॥


खुशखबरी या सबने सुणावा,

झूमा रे नाचा मैं तो मौज मनावा,

गोपालो लियो अवतार,

बधाई सारे भक्ता ने,

यशोदा मां के होयो लाल,

बधाई सारे भक्ता ने ॥


महला में अंगणो अंगणा में पलणों,

पलणे में झूल रह्यो यशोदा को ललनो,

नजरा उतारा बारम्बार,

बधाई सारे भक्ता ने,

यशोदा मां के होयो लाल,

बधाई सारे भक्ता ने ॥


चालो जी चालो यशोदा माता के चाला,

बालक निरखस्या लुनराई वारा,

आवो सजावा पूजन थाल,

बधाई सारे भक्ता ने,

यशोदा मां के होयो लाल,

बधाई सारे भक्ता ने ॥


यशोदा माँ के होयो लाल,

बधाई सारे भक्ता ने,

बधाई सारे भक्ता ने,

बाज्यो रे बाज्यो देखो थाल,

बधाई सारे भक्ता ने,

यशोदा मां के होयो लाल,

बधाई सारे भक्ता ने ॥

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो ।

दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है

मासिक दुर्गा अष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी साधक मां दुर्गा की पूरी श्रद्धा और लगन से व्रत करता है। मां उन सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

नवंबर में इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखते हैं।

राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा (Radha Dundh Rahi Kisine Mera Shyam Dekha)

राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा,
श्याम देखा, घनश्याम देखा,

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