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जन्म उत्सव आपका हम,आज (Janam Utsav Aapka Hum Aaj)

जन्म उत्सव आपका हम,

आज मनाएंगे,

झूमेंगे नाचेंगे हम,

खुशियां मनाएंगे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥


चंदन की चौकी पे हम,

कान्हा तुम्हे बिठाएंगे,

गंगा के पावन जल से,

कान्हा तुम्हे नहलाएंगे,

भावो के पुष्पों से हम,

कान्हा तुम्हे सजाएंगे,

नजर कहीं ना लग जाए,

काला टिका लगाएंगे,

श्रृंगार बड़ा ही पावन है,

लगता ये बड़ा मनभावन है,

केसरिया बागा तुम्हे,

कान्हा पहनाएंगे।

झूमेंगे नाचेंगे हम,

खुशियां मनाएंगे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥


रंगो और गुब्बारों से,

हम दरबार सजाएंगे,

मेवे और मलाई का,

कान्हा केक बनाएंगे,

चॉकलेट टॉफियां लाएंगे,

खुशियों के दीप जलाएंगे,

छोटे छोटे हाथों से,

तुम्हे केक खिलाएंगे।

झूमेंगे नाचेंगे हम,

खुशियां मनाएंगे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥


स्वर्ग से देवी देव भी,

सेलिब्रेशन में आए है,

अपने संग में सांवरे,

गिफ्ट पैक भी लाए है,

उपहार प्रेम का जो लाए,

कान्हा के मन को वो भाए,

भजनो का एक पुष्प ‘मोहित’,

चरणों में चढ़ाएंगे ॥


झूमेंगे नाचेंगे हम,

खुशियां मनाएंगे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥


जन्म उत्सव आपका हम,

आज मनाएंगे,

झूमेंगे नाचेंगे हम,

खुशियां मनाएंगे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे,

की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे,

कन्हैया हैप्पी बर्थडे ॥

प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम(Humara Nahi Koi Re Tere Bina Ram)

हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम

जय रघुनन्दन, जय सिया राम (Jai Raghunandan Jai Siya Ram Bhajan)

जय रघुनन्दन, जय सिया राम ।
भजमन प्यारे, जय सिया राम ।

फाल्गुन मास की पौराणिक कथा

फाल्गुन’ का महीना हिंदू पंचांग का अंतिम महीना होता है। इस मास की पूर्णिमा फाल्गुनी नक्षत्र में होती है। जिस कारण इस महीने का नाम फाल्गुन पड़ा है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है।