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तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का (Tune Ajab Racha Bhagwan Khilona Mati Ka)

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का,

माटी का रे, माटी का,

माटी का रे, माटी का,

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का ।


कान दिए हरी भजन सुनन को,

हो कान दिए हरी भजन सुनन को,

तु मुख से कर गुणगान,

खिलौना माटी का ।

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का ।


जीभा दी हरी भजन करन को,

हो जीभा दी हरी भजन करन को,

दी आँखे कर पहचान,

खिलौना माटी का ।

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का ।


शीश दिया गुरु चरण झुकन को,

हो शीश दिया गुरु चरण झुकन को,

और हाथ दिए कर दान,

खिलौना माटी का ।

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का ।


सत्य नाम का बना का बेडा,

हो सत्य नाम का बना का बेडा,

और उतरे भव से पार,

खिलौना माटी का ।

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का ।

वैशाख शुक्ल पक्ष की मोहिनी नामक एकादशी (Vaishaakh Shukl Paksh Kee Mohinee Naamak Ekaadashee)

भगवान् कृष्ण के मुखरबिन्द से इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन महाराज युधिष्ठिर ने उनसे कहा - हे भगवन् ! आपकी अमृतमय वाणी से इस कथा को सुना परन्तु हृदय की जिज्ञासा नष्ट होने के बजाय और भी प्रबल हो गई है।

नंगे नंगे पाँव चल आ गया री(Nange Nange Paon Chal Aagaya Ri)

नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,
इक तेरा पुजारी ॥

अंजनी के लाला पे, भरोसा जो होगा (Anjani Ke Lala Pe Bharosa Jo Hoga)

अंजनी के लाला पे,
भरोसा जो होगा,

दादी के दरबार की, महिमा अपरम्पार (Dadi Ke Darbar Ki Mahima Aprampaar)

दादी के दरबार की,
महिमा अपरम्पार,