नवीनतम लेख

उलझ मत दिल बहारो में (Ulajh Mat Dil Baharo Men)

उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छूट जाते हैं,

सहरों का बरोसा क्या

तू संबल नाम का लेकर,

किनारों से किनारा कर

किनारे टूट जाते हैं,

किनारो का भरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छूट जाते हैं,

सहरों का बरोसा क्या


पथिक तू अक्लमंदी पर,

बिचारो पर ना इतराना

कहाँ कब मन बिगड़ जाये,

बिचारो का भरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छूट जाते हैं,

सहरों का बरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छूट जाते हैं,

सहरों का बरोसा क्या

अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा (Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)

बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,

टूटी झोपड़िया मेरी माँ (Tuti Jhupdiya Meri Maa Garib Ghar Aajana)

टूटी झोपड़िया मेरी माँ,
गरीब घर आ जाना ।

सजा दो घर को गुलशन सा (Sajado Ghar Ko Gulshan Sa)

सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध में राम आए हैं,

तुझसा दयालु नहीं प्यारे - भजन (Tujh Sa Dayalu Nahi Pyare)

तुझसा दयालु नहीं प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥