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हे राम भक्त हनुमान तुझे, मैंने तो अब पहचान लिया(Hey Ram Bhakt Hanuman Tujhe Maine To Ab Pehchan liya)

हे राम भक्त हनुमान तुझे,

मैंने तो अब पहचान लिया,

तुम दुष्ट संहारक हो तेरा,

भक्तों ने सहारा मान लिया ॥


सुग्रीव बाली से डरकर जब,

उस निर्जन गिरी पर रोता था,

तब तू ही तो धीरज देकर ही,

उसके दुखड़ो को हरता था,

फिर राम से उसे मिलाया और,

सुग्रीव को अभय प्रदान किया,

हे राम भक्त हनुमान तुम्हे,

मैंने तो अब पहचान लिया ॥


जब रावण ने मुनि वेश बना,

माता सिता को हर डाला,

हनुमत ने लंक जलाकर के,

माता का संशय हर डाला,

फिर चूड़ामणि लाए माँ की,

प्रभु मन को भी विश्राम दिया,

हे राम भक्त हनुमान तुम्हे,

मैंने तो अब पहचान लिया ॥


जब शक्ति लगी लक्ष्मणजी को,

तब तू ही बूटी लाया था,

बूटी रूपी ओषध से फिर,

लक्ष्मण का प्राण बचाया था,

तब राम ने कहा पवनसुत से,

तूने तो ऋणी ही बना डाला,

हे राम भक्त हनुमान तुम्हे,

मैंने तो अब पहचान लिया ॥


लंका में था जब युद्ध मचा,

रावण ने तुझे ललकारा था,

तब राम नाम लेकर तूने,

रावण के मुक्का मारा था,

रावण मुर्छित हो जागा तब,

बोला कपिबल ने कमाल किया,

हे राम भक्त हनुमान तुम्हे,

मैंने तो अब पहचान लिया ॥


हे राम भक्त हनुमान तुझे,

मैंने तो अब पहचान लिया,

तुम दुष्ट संहारक हो तेरा,

भक्तों ने सहारा मान लिया ॥

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है(Gajanand Maharaj Padharo Kirtan Ki Taiyari Hai)

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मनमोहन तुझे रिझाऊं तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं(Manmohan Tujhe Rijhaun Tujhe Neet Naye Laad Ladau)

मनमोहन तुझे रिझाऊं,
तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,

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हाथ जोड़ विनती करूं सुणियों चित्त लगाय,
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