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अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो (Are Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do)

देखो देखो यह गरीबी, यह गरीबी का हाल,

कृष्ण के दर पे यह विशवास ले के आया हूँ।

मेरे बचपन का दोस्त हैं मेरा श्याम,

येही सोच कर मैं आस ले कर के आया हूँ ॥


अरे द्वारपालों कहना से कह दो,

दर पे सुदामा गरीब आ गया है।

भटकते भटकते ना जाने कहाँ से,

तुम्हारे महल के करीब आ गया है॥


ना सर पे हैं पगड़ी, ना तन पे हैं जामा

बतादो कन्हिया को नाम है सुदामा।

इक बार मोहन से जाकर के कहदो,

मिलने सखा बदनसीब आ गया है॥


सुनते ही दोड़े चले आये मोहन,

लगाया गले से सुदामा को मोहन।

हुआ रुकमनी को बहुत ही अचम्भा,

यह मेहमान कैसा अजीब आ गया है॥


और बराबर पे अपने सुदामा बिठाये,

चरण आंसुओं से श्याम ने धुलाये।

न घबराओ प्यारे जरा तुम सुदामा,

ख़ुशी का समा तेरे करीब आ गया है।


एक तू ही है मेरा, बाकी सब है वहम(Ek Tu Hi Hai Mera Baki Sab Hai Veham)

मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम,

तृष्णा ना जाए मन से - भजन (Trishna Na Jaye Man Se)

तृष्णा ना जाये मन से ॥

चैत्र मास में करें ये उपाय

चैत्र माह की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है। यह हिंदू पंचांग का पहला महीना है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्व है। इस मास में की गई पूजा, व्रत और दान-पुण्य का प्रभाव संपूर्ण वर्ष पर पड़ता है। इसके अलावा मान्यता है कि इस माह में कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सफलता प्राप्त होती है।

सूरज चंदा तारे उसके - भजन (Suraj Chanda Taare Uske)

सूरज चंदा तारे उसके,
धरती आसमान,

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