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यशोमती मैया से बोले नंदलाला (Yashomati Maiyya Se Bole Nandlala)

यशोमती मैया से बोले नंदलाला

राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ॥

यशोमती मैया से बोले नंदलाला॥


बोली मुस्काती मैया, ललन को बताया

कारी अंधियरी आधी रात में तू आया

लाडला कन्हैया मेरा, काली कमली वाला

इसीलिए काला ॥


यशोमती मैया से बोले नंदलाला

राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ॥


बोली मुस्काती मैया, सुन मेरे प्यारे

गोरी गोरी राधिका के नैन कजरारे

काले नैनों वाली ने, ऐसा जादू डाला

इसीलिए काला ॥


यशोमती मैया से बोले नंदलाला

राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ॥


इतने में राधा प्यारी, आई इठलाती

मैंने न जादू डाला, बोली बलखाती

मैय्या कन्हैया तेरा हो, जग से निराला

इसीलिए काला॥


यशोमती मैया से बोले नंदलाला

राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ॥

दिखा दे थारी सुरतियाँ(Dikha de Thari Suratiya)

श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा
मन को मोर्यो नाचन लाग्यो झूम झूम गावा ,

जयपुर की चुनरिया मैं लाई शेरावालिये (Jaipur Ki Chunariya Me Layi Sherawaliye)

जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये,

स्कन्द षष्ठी व्रत नियम

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे (Bajrang Ke Aate 2 Kahin Bhor Ho Na Jaye Re)

बजरंग के आते आते,
कही भोर हो न जाये रे,

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