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यही है प्रार्थना प्रभुवर (Yahi Hai Rrarthana Prabhuvar Jeevan Ye Nirala Ho)

सरलता, शीलता, शुचिता हों भूषण मेरे जीवन के।

सचाई, सादगी, श्रद्धा को मन साँचे में ढाला हो॥

॥ यही है प्रार्थना प्रभुवर...॥


मेरा वेदोक्त हो जीवन, बनूँ मैं धर्म-अनुरागी।

रहूँ आज्ञा में वेदों की, न हुक्मेवेद टाला हो॥

॥ यही है प्रार्थना प्रभुवर...॥


तेरी भक्ति में हे भगवन्, लगा दूँ अपना मैं तन-मन।

दिखावे के लिये हाथों में थैली हो, न माला हो॥

॥ यही है प्रार्थना प्रभुवर...॥


तजूँ सब खोटे कर्मों को, तजूँ दुर्वासनाओं को।

तेरे विज्ञान दीपक का मेरे मन में उजाला हो॥

॥ यही है प्रार्थना प्रभुवर...॥


पिला दे मोक्ष की घुट्टी, मरण-जीवन से हो छुट्टी।

विनय अन्तिम ये सेवक की अगर मंजूरे वाला हो॥


यही है प्रार्थना प्रभुवर! जीवन ये निराला हो।

परोपकारी, सदाचारी व लम्बी आयुवालो हो॥

डोल ग्यारस 2024: भगवान श्रीकृष्ण की जलवा पूजन से जुड़ा है ये त्योहार, जानें इस दिन का महत्व और पूजा विधि

यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्री कृष्ण की पूजा और उत्सव के लिए मनाया जाता है।

राहो में फूल बिछाऊँगी(Raho Mein Phool Bichaungi)

राहों में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,

बालाजीं मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं (Balaji Meri Bigdi Bana Do Mere Balaji)

बालाजी बालाजी,
मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं,

होलाष्टक के यम-नियम क्या हैं

हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक होली से पहले आठ दिनों की एक विशेष अवधि है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका दहन तक चलती है। इस अवधि के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है।

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