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यही है प्रार्थना प्रभुवर (Yahi Hai Rrarthana Prabhuvar Jeevan Ye Nirala Ho)

सरलता, शीलता, शुचिता हों भूषण मेरे जीवन के।

सचाई, सादगी, श्रद्धा को मन साँचे में ढाला हो॥

॥ यही है प्रार्थना प्रभुवर...॥


मेरा वेदोक्त हो जीवन, बनूँ मैं धर्म-अनुरागी।

रहूँ आज्ञा में वेदों की, न हुक्मेवेद टाला हो॥

॥ यही है प्रार्थना प्रभुवर...॥


तेरी भक्ति में हे भगवन्, लगा दूँ अपना मैं तन-मन।

दिखावे के लिये हाथों में थैली हो, न माला हो॥

॥ यही है प्रार्थना प्रभुवर...॥


तजूँ सब खोटे कर्मों को, तजूँ दुर्वासनाओं को।

तेरे विज्ञान दीपक का मेरे मन में उजाला हो॥

॥ यही है प्रार्थना प्रभुवर...॥


पिला दे मोक्ष की घुट्टी, मरण-जीवन से हो छुट्टी।

विनय अन्तिम ये सेवक की अगर मंजूरे वाला हो॥


यही है प्रार्थना प्रभुवर! जीवन ये निराला हो।

परोपकारी, सदाचारी व लम्बी आयुवालो हो॥

चलो मन वृन्दावन की ओर (Chalo Mann Vrindavan Ki Aur)

चलो मन वृन्दावन की ओर,
प्रेम का रस जहाँ छलके है,

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई(Mere to Giridhar Gopal Dusro Na Koi)

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

विद्यारंभ संस्कार पूजा विधि

हिंदू संस्कृति में मनुष्य के जीवन के अलग अलग पड़ावों को संस्कारों के साथ पवित्र बनाया जाता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है विद्यारंभ संस्कार । यह संस्कार बच्चों के जीवन में शिक्षा की शुरुआत का प्रतीक है।

अमावस्या और शनिवार का संयोग, करें ये उपाय

इस वर्ष मार्गशीर्ष अमावस्या 30 नवंबर 2024 को सुबह 10:29 बजे से प्रारंभ होगी जो अगले दिन 1 दिसंबर 2024 को सुबह 11:50 बजे तक जारी रहेगी।

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