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तुम राम के पुजारी, हो बाल ब्रम्हचारी(Tum Ram Ke Pujari Ho Bal Brahmachari)

तुम राम के पुजारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


बाल समय रवि को मुख रखा,

जग में हुआ अँधियारा,

राम दास को ग्रसित किया है,

इंद्र ने वज्र से मारा,

हो गए पवन दुखारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


आप अगर ना होते सहायक,

राम ना नायक होते,

आप कृपा ना करते हे स्वामी,

हम भी ना गायक होते,

पूजे ये दुनिया सारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


तुम राम के पुजारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


नरसिंह द्वादशी क्यों मनाई जाती है

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह की पूजा की परंपरा है।

कब है भीष्म द्वादशी

महाभारत में अर्जुन ने भीष्म पितामह को बाणों की शैय्या पर लिटा दिया था। उस समय सूर्य दक्षिणायन था। इसलिए, भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया और माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन अपने प्राण त्यागे।

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा और महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में से एक है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।

दर्शन कर लो रे भक्तो, मेहंदीपुर धाम का (Darshan Kar Lo Re Bhakto Mehandipur Dham Ka)

दर्शन कर लो रे भक्तो,
मेहंदीपुर धाम का,

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