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तुम राम के पुजारी, हो बाल ब्रम्हचारी(Tum Ram Ke Pujari Ho Bal Brahmachari)

तुम राम के पुजारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


बाल समय रवि को मुख रखा,

जग में हुआ अँधियारा,

राम दास को ग्रसित किया है,

इंद्र ने वज्र से मारा,

हो गए पवन दुखारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


आप अगर ना होते सहायक,

राम ना नायक होते,

आप कृपा ना करते हे स्वामी,

हम भी ना गायक होते,

पूजे ये दुनिया सारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


तुम राम के पुजारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


जानकी स्तुति - भई प्रगट कुमारी (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kumari)

भई प्रगट कुमारी
भूमि-विदारी

ऊँ शिव गोरक्ष योगी - प्रार्थना (Om Jai Gauraksh Yogi - Prarthana)

ऊँ शिव गोरक्ष योगी
गंगे हर-नर्मदे हर, जटाशङ़्करी हर ऊँ नमो पार्वती पतये हर,

भटकूं क्यों मैं भला, संग मेरे है सांवरा (Bhatku Kyun Main Bhala Sang Mere Hai Sanwara)

भटकूं क्यों मैं भला,
संग मेरे है सांवरा,

भीष्म अष्टमी की पूजा विधि

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ‘भीष्म अष्टमी’ कहा जाता है।

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