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माँ दिल के इतने करीब है तू(Maa Dil Ke Itne Kareeb Hai Tu)

माँ दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए,

जो आँखे बंद करके माँ मैं देखूं,

तू ही तू मैया नज़र है आए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥


कोई है राजा है कोई भिखारी,

ये कैसी लीला है माँ तुम्हारी,

किसी को तरसाए एक दाना,

कही पे भंडार तू लगाए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥


रोजाना दर पे लगे है मेले,

नसीब वाले तो जय माँ बोले,

कोई माँ लाया है तेरा चोला,

किसी की आँखों में नीर आए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥


कोई माँ सोने का हार लाया,

माँ कोई चांदी का छत्र लाया,

किसी ने चुनरी है माँ चढ़ाई,

कोई तो बदहाल दर पे आए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥


माँ दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए,

जो आँखे बंद करके माँ मैं देखूं,

तू ही तू मैया नज़र है आए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥

सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ (Sacche Man Se Maa Ki Jyot Tum Jagao)

सच्चे मन से माँ की,
ज्योत तुम जगाओ,

हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है?

हनुमान जी भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं। इसलिए, श्रीराम की पूजा में भी हनुमान जी का विशेष महत्व है। हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी दुःख और कष्ट हर लेते हैं।

पौष माह के व्रत त्योहार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

रघुनन्दन राघव राम हरे (Raghunandan Raghav Ram Hare Dhun)

रघुनन्दन राघव राम हरे
सिया राम हरे सिया राम हरे ।

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