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ऊँचे पर्वत चढ़कर जो, तेरे मंदिर आते हैं (Unche Parvat Chadhkar Jo Tere Mandir Aate Hain)

ऊँचे पर्वत चढ़कर जो,

तेरे मंदिर आते हैं,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

महिमा गाते है,

मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥


है जगदम्बा महारानी,

तेरा नहीं कोई सानी,

तू रण में रणचंडी माँ,

तू मन में शीतल है माँ,

हो, तेरे आगे देव भी सारे,

शीश झुकाते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

महिमा गाते है,

मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥


हाथ त्रिशूल सुहावे,

तेरा दर्शन मन भावे,

ये तेरी शेर सवारी,

बड़ी लागे है प्यारी,

हो, भक्त तेरे दर्शन करने,

दरबार में आते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

महिमा गाते है,

मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥


करे जो तेरी भक्ति,

मिले भक्ति से शक्ति,

जो तुझसे लगन लगाए,

वो भवसागर तर जाए,

हो, तेरे धाम जो आते,

तुझमे ही रम जाते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

महिमा गाते है,

मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥


सुनो माँ ज्योतावली,

तू सबकी है रखवाली,

शरण में हमको रखना,

नहीं माँ दूर करना,

हो, तेरे मंदिर में जो,

अर्जी लगाने आते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

महिमा गाते है,

मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥


ऊँचे पर्वत चढ़कर जो,

तेरे मंदिर आते हैं,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

मैया जी तेरी महिमा गाते है,

महिमा गाते है,

मैया जी तेरे दर्शन पाते है ॥

जानकी नाथ सहाय करें (Janaki Nath Sahay Kare)

जानकी नाथ सहाय करें
जानकी नाथ सहाय करें,

उत्पन्ना एकादशी के जाप मंत्र

उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा के लिए समर्पित है।

मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो (Maiya Kripa Kar Do Jholi Meri Bhar Do)

मैया कृपा करदो,
झोली मेरी भरदो ।

अनंग त्रयोदशी व्रत कथा

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है। अनंग त्रयोदशी व्रत प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।

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