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तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी (Tumhein Har Ghadi Maa Pyar Karegi)

तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,

झुलाएगी पलकों के झूले में तुझको,

बस एक बार माँ तुम बुला करके देखो,

तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥


ज़माने से तुमको जो नही मिला है,

मिलेगा यही माँ को बतला के देखो,

नही बात कोई भी टलेगी तुम्हारी,

ये दावा है विनती सूना करके देखो,

तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥


जिधर देखता हूँ चर्चा यही है,

कोई माँ के जैसा दूजा नही है,

कहोगे वो तुम भी जो मैं कह रहा हूँ,

भवन माँ भवानी के जाकर तो देखो,

तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥


भुला करके बैठे थे हँसना सदा जो,

वो फूलो के जैसे मुस्का रहे है,

महकने लगेगा तुम्हारा भी जीवन,

ऐ “लख्खा” तू सर को झुका करके देखो,

तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥


तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,

झुलाएगी पलकों के झूले में तुझको,

बस एक बार माँ तुम बुला करके देखो,

तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,

जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥

माँ गौरी के लाल गजानन(Maa Gauri Ke Lal Gajanan)

माँ गौरी के लाल गजानन,
आज आओ पधारो मेरे आँगन,

आई बागों में बहार, झूला झूले राधा प्यारी (Aai Bhagon Me Bahar Jhula Jhule Radha Rani)

आई बागों में बहार,
झूला झूले राधा प्यारी ।

प्रभु! स्वीकारो मेरे परनाम (Prabhu Sweekaro Mere Paranam)

सुख-वरण प्रभु, नारायण हे!
दु:ख-हरण प्रभु, नारायण हे!

रंग पंचमी की कथा

रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और यह पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी-देवता धरती पर आकर भक्तों के साथ होली खेलते हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

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