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तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे (Tumko Tumhare Bete Pukare)

तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे,

आ जाओ मैया घर में हमारे ॥


बेटे तुम्हारे लाखों है मैया,

किसी का महल है,

किसी की है कुटिया,

तुम्हे एक जैसे,

लगते है सारे,

आ जाओ मैया घर में हमारे ॥


ना हिरे ना मोती ना,

जवाहरात है माँ,

ना ही अमीरों की,

यहाँ ठाठ है माँ,

मगर तेरा मंदिर है,

दिल में हमारे,

आ जाओ मैया घर में हमारे ॥


दिन रात तेरी,

सेवा करेंगे,

बिठाकर के पलकों में,

तुमको रखेंगे,

‘सोनू’ तुम्हारी बाट निहारें,

आ जाओ मैया घर में हमारे ॥


तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे,

आ जाओ मैया घर में हमारे ॥

आनंद ही आनंद बरस रहा (aanand-hi-aanand-baras-raha)

आनंद ही आनंद बरस रहा
बलिहारी ऐसे सद्गुरु की ।

उज्जैन में विराजे, महाकाल प्यारे प्यारे (Ujjain Mein Viraje Mahakal Pyaare Pyaare)

उज्जैन में विराजे,
महाकाल प्यारे प्यारे,

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी (Kaartik Maas Ke Shukl Paksh Kee Prabodhinee Ekaadashee)

ब्रह्माजी ने कहा कि हे मनिश्रेष्ठ ! गंगाजी तभई तक पाप नाशिनी हैं जब तक प्रबोधिनी एकादशी नहीं आती। तीर्थ और देव स्थान भी तभी तक पुण्यस्थल कहे जाते हैं जब तक प्रबोधिनी का व्रत नहीं किया जाता।

Shri Saraswati Chalisa (श्री सरस्वती चालीसा)

जनक जननि पद कमल रज, निज मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥

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