नवीनतम लेख

जागरण की रात मैया, जागरण में आओ (Jagran Ki Raat Maiya Jagran Mein Aao)

जागरण की रात मैया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओ,

आस लगाए बैठे है माँ,

अब तो दरश दिखाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


तेरे भक्तों ने मैया,

तेरी ज्योत जगाई,

तेरे लिए महामाई,

चुनरी लाल मंगाई,

पान सुपारी हलवा पूरी,

आके भोग लगाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


तेरी शेर सवारी,

भक्तो के मन भाई,

दर्श बिना अब तेरे,

एक पल रहा ना जाए,

जल्दी से तुम आ जाओ माँ,

अब ना देर लगाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


‘पासी केसरी’ मैया,

तेरी दिल से भेंट गाए,

जो भी दर पे आता,

झोली भर के जाए,

‘लाडी’ की भी मैया जी,

अब बिगड़ी बात बनाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


जागरण की रात मैया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओ,

आस लगाए बैठे है माँ,

अब तो दरश दिखाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


सोमवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में सोमवार का दिन विशेष महत्व रखता है। इसे "सोमवार" या "सप्तमी" के नाम से जाना जाता है, और यह विशेष रूप से भगवान शिव और चंद्रमा यानी कि सोम से जुड़ा हुआ है।

स्कन्द षष्ठी व्रत नियम

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

मैं दो-दो माँ का बेटा हूँ (Main Do-Do Maa Ka Beta Hun)

मैं दो-दो माँ का बेटा हूँ,
दोनों मैया बड़ी प्यारी है ।

सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)

जुग जुग जियसु ललनवा,
भवनवा के भाग जागल हो,

यह भी जाने