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जागरण की रात मैया, जागरण में आओ (Jagran Ki Raat Maiya Jagran Mein Aao)

जागरण की रात मैया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओ,

आस लगाए बैठे है माँ,

अब तो दरश दिखाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


तेरे भक्तों ने मैया,

तेरी ज्योत जगाई,

तेरे लिए महामाई,

चुनरी लाल मंगाई,

पान सुपारी हलवा पूरी,

आके भोग लगाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


तेरी शेर सवारी,

भक्तो के मन भाई,

दर्श बिना अब तेरे,

एक पल रहा ना जाए,

जल्दी से तुम आ जाओ माँ,

अब ना देर लगाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


‘पासी केसरी’ मैया,

तेरी दिल से भेंट गाए,

जो भी दर पे आता,

झोली भर के जाए,

‘लाडी’ की भी मैया जी,

अब बिगड़ी बात बनाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


जागरण की रात मैया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओ,

आस लगाए बैठे है माँ,

अब तो दरश दिखाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


जानकी जयंती विशेष उपाय

हिंदू धर्म में जानकी जयंती का विशेष महत्व है, जिसे माता सीता के अवतरण का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

जहाँ आसमां झुके जमीं पर (Jahan Aasman Jhuke Zameen Par)

जहाँ आसमां झुके जमीं पर,
सर झुकता संसार का,

बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ (Beta Bulaye Jhat Daudi Chali Aaye Maa)

मैं नही जानू पूजा तेरी,
पर तू ना करना मैया देरी,

उज्जैनी में बाबा ने ऐसा, डमरू बजाया (Ujjaini Me Baba Ne Esa Damru Bajaya)

उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,
डमरू बजाया,

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