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बिसर गई सब तात पराई (Bisar Gai Sab Taat Paraai)

बिसर गई सब तात पराई,

जब ते साध संगत मोहे पाई,

ना कोई बैरी नहीं बेगाना,

सगल संग हमको बन आई,

बिसर गई सब तात पराई,

बिसर गयी सब तात पराई ।


जो प्रभु कीन्हो सो भल मान्यो,

एह सुमत साधु ते पाई,

बिसर गई सब तात पराई,

बिसर गयी सब तात पराई ।


सब में रव रहिया प्रभु एको,

पेख पेख नानक बिगसाई,

बिसर गई सब तात पराई,

बिसर गयी सब तात पराई ।

शीतला अष्टमी पर शीतला माता की पूजा विधि

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क्यों खास है डोल पूर्णिमा

डोल पूर्णिमा का त्यौहार मुख्य रूप से बंगाल, असम, त्रिपुरा, गुजरात, बिहार, राजस्थान और ओडिशा में मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण की मूर्ति को पालकी पर बिठाया जाता है और भजन गाते हुए जुलूस निकाला जाता है।

ये उत्सव बजरंग बाले का, ये लाल लंगोटे वाले का (Ye Utsav Bajrang Bala Ka Ye Lal Langote Wale Ka)

ये उत्सव बजरंग बाले का,
ये लाल लंगोटे वाले का,

मार्गशीर्ष की अशुभ तिथियां

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