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तेरी चौखट पे ओ बाबा, जिंदगी सजने लगी(Teri Chaukhat Pe O Baba Zndagi Sajne Lagi)

तेरी चौखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी,

जिंदगी सजने लगी मेरी,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


जो भी तेरे दर पे आया,

कुछ ना कुछ ले के गया,

होले होले ही सही मेरी,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


ढूंढ आया सारे जग में,

देव तुमसा ना मिला,

तेरा दरवाजा खुला और,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


तू ही मूरत तू ही तीरथ,

तू ही सब कुछ है मेरा,

हाथ जो तुमने ये थामा,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


तेरी नजरे ओ बालाजी,

‘पंकज’ पे रखना सदा,

छोटी सी ख्वाहिश ‘अमित’ की,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


तेरी चौखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी,

जिंदगी सजने लगी मेरी,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान(Milta Hai Sachha Sukh Keval Bhagwan Tere Charno Me)

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में ।
यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥

नरसिंह द्वादशी व्रत विधि

नरसिंह द्वादशी सनातनियों का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने रौद्र रूप में अवतार लिया था, जिन्हें लोग आज नरसिंह भगवान के रूप में पूजते हैं।

भक्त तेरे बुलाये हनुमान रे (Bhakt Tere Bulaye Hanuman Re)

भक्त तेरे बुलाये हनुमान रे,
तुझे आज रे,

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