नवीनतम लेख

हे शिवशंकर, हे करुणाकर(Hey Shivshankar Hey Karunakar)

हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता

हर हर भोले नमः शिवाय,

नमः शिवाय ओम नमः शिवाय

हे शिव शम्भू संकटहर्ता,

विघ्नविनाशी मंगलकर्ता

जिस पर होवे कृपा तुम्हारी,

पल में विपदा दूर हो सारी

तुम सुखसागर हे जगदीश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता


देवादिदेव जय महादेवा,

सुर नर मुनि सब करते हैं सेवा

नमः शिवाय मंत्र पंचाक्षर,

जिसने जपा खुश हो गए उस पर

तुम हो दयालु हे भोलेश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता


बम-बम भोले डमरू बोले,

तुमने द्वार दया के खोले

जो भी आया शरण तुम्हारी,

रक्षक बन गए तुम त्रिपुरारी

त्रिशूलधर हे महाकालेश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता


ब्रह्मा विष्णु ध्यान लगावे,

वेद पुराण शास्त्र यश गावे

गिरिजापति अनन्त अविनाशी,

आनंददाता विश्वप्रकाशी

तुम सर्वेश्वर हे सोमेश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता


पूजन किये श्रीराम तुम्हारा,

लंका जीती रावण मारा

दीनानाथ प्रभु सुखदाता ,

औघड़दानी भाग्यविधाता

तुम रामेश्वर हे भक्तेश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता

हर हर भोले नमः शिवाय,

नमः शिवाय ओम नमः शिवाय

धन जोबन और काया नगर की (Dhan Joban Aur Kaya Nagar Ki)

धन जोबन और काया नगर की,
कोई मत करो रे मरोर ॥

षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि(Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

मार्गशीर्ष कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि और भोग

वैदिक पंचाग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण जन्माष्टमी आज यानी 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और जीवन के दुखों को दूर करने का श्रेष्ठ अवसर है।

यह भी जाने