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हे शिवशंकर, हे करुणाकर(Hey Shivshankar Hey Karunakar)

हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता

हर हर भोले नमः शिवाय,

नमः शिवाय ओम नमः शिवाय

हे शिव शम्भू संकटहर्ता,

विघ्नविनाशी मंगलकर्ता

जिस पर होवे कृपा तुम्हारी,

पल में विपदा दूर हो सारी

तुम सुखसागर हे जगदीश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता


देवादिदेव जय महादेवा,

सुर नर मुनि सब करते हैं सेवा

नमः शिवाय मंत्र पंचाक्षर,

जिसने जपा खुश हो गए उस पर

तुम हो दयालु हे भोलेश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता


बम-बम भोले डमरू बोले,

तुमने द्वार दया के खोले

जो भी आया शरण तुम्हारी,

रक्षक बन गए तुम त्रिपुरारी

त्रिशूलधर हे महाकालेश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता


ब्रह्मा विष्णु ध्यान लगावे,

वेद पुराण शास्त्र यश गावे

गिरिजापति अनन्त अविनाशी,

आनंददाता विश्वप्रकाशी

तुम सर्वेश्वर हे सोमेश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता


पूजन किये श्रीराम तुम्हारा,

लंका जीती रावण मारा

दीनानाथ प्रभु सुखदाता ,

औघड़दानी भाग्यविधाता

तुम रामेश्वर हे भक्तेश्वर


हे शिवशंकर हे करुणाकर,

हे परमेश्वर परमपिता

हर हर भोले नमः शिवाय,

नमः शिवाय ओम नमः शिवाय

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो (Piyo Ji Maine Ram Ratan Dhan Payo)

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

सज धज के बैठी है माँ, लागे सेठानी (Saj Dhaj Ke Baithi Hai Maa Laage Sethani)

सज धज के बैठी है माँ,
लागे सेठानी,

गोवर्धन पूजा की कथा

गोवर्धन पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण की महिमा और उनके भक्तों के प्रति उनके प्रेम का उत्सव मनाता है। इस त्योहार के दौरान, एक पारंपरिक प्रथा है जिसमें गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी धार्मिक दृष्टि से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भगवान कृष्ण की अद्भुत लीलाओं और शिक्षाओं को स्मरण करने का दिवस माना जाता है।

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