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आजा माँ आजा माँ एक बार, मेरे घर आजा माँ (Aaja Maa Aaja Maa Ek Baar Mere Ghar Aaja Maa )

आजा माँ आजा माँ एक बार,

मेरे घर आजा माँ,

मैंने मन मंदिर में मैया,

तेरी ज्योत जगाई,

करके शेर सवारी,

आजा इक बारी महामाई,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


मेरे सुने आँगन में माँ,

खुशियाँ तू बरसा दे,

करुणामई ऐ जगदम्बे माँ,

सोया भाग जगा दे,

मैंने सारी दुनिया देखि,

मुझे ना कोई भाया,

शाम सवेरे मैंने मैया,

तेरा ही गुण गाया,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


दर्शन को ये नैना तरसे,

आके दर्श दिखाओ,

कब से देखे राह तुम्हारी,

इनकी प्यास बुझाओ,

थोड़ी सी किरपा कर दे,

बेटी तुझे पुकारे,

हाथ दया का सिर पे रख दे,

कर दे वारे न्यारे,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


ताने मारेगी ये दुनिया,

जो माँ तू ना आई,

मेरा कुछ ना जाएगा,

तेरी होगी माँ रुसवाई,

सदा रहेंगे अम्बे मैया,

बन के तेरे पुजारी,

‘धामा और शर्मा’ ने माँ,

चरणों में अर्ज गुजारी,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


आजा माँ आजा माँ एक बार,

मेरे घर आ जा माँ,

मैंने मन मंदिर में मैया,

तेरी ज्योत जगाई,

करके शेर सवारी,

आजा इक बारी महामाई,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


धनु संक्रांति के दिन के विशेष उपाय

हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि का काफी महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने सूर्य की राशि परिवर्तन पर संक्रांति मनाई जाती है। इस बार मार्गशीर्ष माह में 15 दिसंबर को धनु संक्रांति पड़ रही है।

मीन संक्रांति की तिथि और मुहूर्त

मान्यता के अनुसार मीन संक्रांति तब मनाई जाती है जब भगवान सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं, और यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होता है।

आमलकी एकादशी पौराणिक कथा

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी के अलावा आंवला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन आंवले पेड़ की उत्तपति हुई थी।

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