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ओढ़ो ओढ़ो म्हारी जीण भवानी (Odho Odho Mhari Jeen Bhawani)

ओढ़ो ओढ़ो म्हारी माता रानी आज

भगत थारी चुनड़ ल्याया ए

ओढ़ो ओढ़ो म्हारी कुलदेवी आज

भगत थारी चुनड़ ल्याया ए


इ चुनड़ को पोत है मइया जयपुर से मंगवायो

भगतां कै घर बनी चुनड़ी,सांचो माल लगायो

प्यारो लागे चटक रंग लाल

भगत थारी चुनड़ ल्याया ए


सोने चांदी का तार कढ़ाकर लंपि नै जड़वाई

साँचे मोत्या री लड़ियाँ नै चारु मेर लगाई

बीच तारा री सजी रे बारात

भगत थारी चुनड़ ल्याया ए


ओढ़ चुनड़ी बैठी मइया,कितनी प्यारी लागे

तीन लोक में मइया थारी शक्ति का डंका बाजे

रया देव फूल बरसाय

भगत थारी चुनड़ ल्याया ए


म्हारी मइया जी कै भगतो नजर नही लग जावै

लूड़ राई मिल कर वारो जद हीबड़ो सुख पावे

जावै राम बलिहारी आज

भगत थारी चुनड़ ल्याया ए


ओढ़ो ओढ़ो म्हारी माता रानी आज

भगत थारी चुनड़ ल्याया ए

ओढ़ो ओढ़ो म्हारी कुलदेवी आज

भगत थारी चुनड़ ल्याया ए

चैत कृष्ण पापमोचनी एकादशी (Chait Krishna Papamochani Ekadashi)

इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर बोले हे भगवन् ! आपके श्रीमुख से इन पवित्र कथाओं को सुन मैं कृतकृत्य हो गया।

हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके (Har Ghadi Yaad Teri Aaye Sautan Banke)

हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,
मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥

जगदम्बा के दीवानो को, दरश चाहिए (Jagdamba Ke Deewano Ko Daras Chahiye)

जगदम्बा के दीवानो को,
दरश चाहिए, दरश चाहिए,

फाल्गुन अमावस्या 2025 मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। फाल्गुन माह में आने वाली अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या कहा जाता है। यह दिन अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने के लिए शुभ माना जाता है। लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।

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