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मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए (Mujhe Tera Sahara Sada Chahiye)

आसरा इस जहाँ का मिले न मिले,

मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए ॥


चाँद तारे फलक पर दिखे ना दिखे,

मुझ को तेरा नज़ारा सदा चाहिए,

धन दौलत जहाँ की मिले ना मिले,

सतगुरु तेरे चरणों की रज चाहिए ॥


यहाँ खुशिया हैं कम, और ज्यादा है गम,

जहाँ देखो वहीँ है देखो भरम ही भरम,

मेरी महफ़िल में शम्मा जले ना जले,

मेरे दिल में उजाला तेरा चाहिए ॥


कभी वैराग है, कभी अनुराग है,

यहाँ बदले हैं माली वही बाग़ है,

मेरी चाहत की दुनिया बसे ना बसे,

मेरे दिल में बसेरा तेरा चाहिए ॥


मेरी धीमी है चाल, और पथ है विशाल,

हर कदम पर मुसीबत अब तू ही संभाल,

पैर मेरे थकें हैं, चले ना चले,

मेरे दिल में इशारा तेरा चाहिए ॥


कभी बैराग है, कभी अनुराग है,

जिन्दगी बिन धुंए की अजब आग है,

मान सम्मान जग में मिले ना मिले,

बस कृपा होनी बाबा तेरी चाहिए ॥


आसरा इस जहाँ का मिले न मिले,

मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए ॥


बता मेरे भोले बाबा रे, तेरी कैसे महिमा गाऊं (Bata Mere Bhole Baba Re Teri Kaise Mahima Gaun)

बता मेरे भोले बाबा रे,
तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे (Bajrang Ke Aate 2 Kahin Bhor Ho Na Jaye Re)

बजरंग के आते आते,
कही भोर हो न जाये रे,

कार्तिगाई दीपम उत्सव से जुड़ी पौराणिक कथा

कार्तिगाई दीपम उत्सव दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भगवान कार्तिकेय और शिव को समर्पित है। यह उत्सव तमिल माह कार्तिगाई की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को आयोजित होता है।

जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से (Jiski Lagi Lagan Bholenath Se)

जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से,
वो डरता नहीं किसी बात से,

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