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खुल गया बैंक राधा, रानी के नाम का(Khul Gaya Bank Radha Rani Ke Naam Ka)

खुल गया बैंक राधा,

रानी के नाम का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का ॥


खाता खुलवाने में भक्तो,

लगता ना कोई खर्चा,

लगता ना कोई खर्चा,

देर करो ना जल्दी आके,

भर लो अपना परचा,

भर लो अपना परचा,

घाटे का नहीं है सौदा,

खाता बड़े काम का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का ॥


कान्हा के संग अपनी सेटिंग,

है पुरे जीवन की,

है पुरे जीवन की,

बिना कमीशन लोन करा लो,

बात नहीं टेंशन की,

बात नहीं टेंशन की,

प्रॉफिट ही प्रॉफिट मिलता,

लॉस नहीं काम काम,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का ॥


सेविंग खाता तुम खुलवाओ,

या खुलवाओ करंट,

या खुलवाओ करंट,

चक्रवृद्धि इंटरेस्ट मिलेगा,

हरपल तुम्हे अर्जेन्ट,

हरपल तुम्हे अर्जेन्ट,

एटीएम कार्ड मिलेगा,

तुम्हे राधा नाम का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का ॥


राधा नाम के बैंक प्रचारक,

बन गए ‘चित्र-विचित्र’,

बन गए ‘चित्र-विचित्र’,

हर खाते पे मिले कमीशन,

राधा नाम पवित्र,

राधा नाम पवित्र,

पागलपन मुफ्त मिलेगा,

तुम्हे ब्रजधाम का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का ॥


खुल गया बैंक राधा,

रानी के नाम का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का,

बैठा बनके मैनेजर,

कान्हा नंदगांव का ॥

श्री गिरीराज चालीसा (Shri Giriraj Chalisa)

बन्दहुँ वीणा वादिनी धरि गणपति को ध्यान |
महाशक्ति राधा सहित, कृष्ण करौ कल्याण ||

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

राम नवमी मंत्र जाप

राम नवमी हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से भगवान श्री राम की जयंती के रूप में मनाया जाता है।

शीतला अष्टमी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहते हैं, माता शीतला को समर्पित एक पवित्र पर्व है। यह होली के बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर इसे होली के आठ दिन बाद पहले सोमवार या शुक्रवार को भी मनाते हैं।

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