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रसिया को नार बनावो री रसिया को(Rasiya Ko Naar Banavo Ri Rasiya Korasiya Ko)

बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे

होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी

लाल तोहे पकर नचावे, गाल गुलचा लगावे

तोहे राधिका बानवे, आप कृष्णा बन जावेगी

प्रेमी कहे बलिहार, आप कृष्णा बन जावेगी..."

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


कटि लहंगा गल माल कंचुकी,

वाको चुनरी शीश उढाओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


बाँह बडा बाजूबंद सोहे,

वाको नकबेसर पहराओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


लाल गुलाल दृगन बिच काजर,

वाको बेंदी भाल लगावो री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


आरसी छल्ला और खंगवारी,

वाको अनपट बिछुआ पहराओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


नारायण करतारी बजाय के,

वाको जसुमति निकट नचाओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥

अनंत पूजा और विश्वकर्मा पूजा का विशेष संगम

17 सितंबर को एक खास दिन है, जब अनंत चतुर्दशी व्रत, अनंत पूजा और बाबा विश्वकर्मा पूजा एक साथ मनाए जाएंगे। यह दिन भगवान विष्णु और भगवान विश्वकर्मा की विशेष आराधना का अवसर है। इन दोनों पूजा विधियों के धार्मिक महत्व और अनुष्ठानों पर आइए विस्तार से नजर डालते हैं

ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे, मैया जी का बसेरा है (Unche Unche Pahado Pe Maiya Ji Ka Basera Hai)

ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है,

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन (Jaya Radhe Jaya Krishna Jaya Vrindavan)

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन । श्री गोविंदा, गोपीनाथ, मदन-मोहन ॥

श्री कृष्ण चालीसा

सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण को पूर्णावतार माना गया है। उनका जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था।

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