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रसिया को नार बनावो री रसिया को(Rasiya Ko Naar Banavo Ri Rasiya Korasiya Ko)

बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे

होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी

लाल तोहे पकर नचावे, गाल गुलचा लगावे

तोहे राधिका बानवे, आप कृष्णा बन जावेगी

प्रेमी कहे बलिहार, आप कृष्णा बन जावेगी..."

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


कटि लहंगा गल माल कंचुकी,

वाको चुनरी शीश उढाओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


बाँह बडा बाजूबंद सोहे,

वाको नकबेसर पहराओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


लाल गुलाल दृगन बिच काजर,

वाको बेंदी भाल लगावो री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


आरसी छल्ला और खंगवारी,

वाको अनपट बिछुआ पहराओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


नारायण करतारी बजाय के,

वाको जसुमति निकट नचाओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥

अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् (Ath Tantroktam Ratri Suktam)

तन्त्रोक्तम् रात्रि सूक्तम् यानी तंत्र से युक्त रात्रि सूक्त का पाठ कवच, अर्गला, कीलक और वेदोक्त रात्रि सूक्त के बाद किया जाता है।

हर हर शंभू - शिव भजन (Har Har Shambhu)

हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा
शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

चौसठ जोगणी रे भवानी (Chausath Jogani Re Bhawani)

चौसठ जोगणी रे भवानी,
देवलिये रमजाय,

रमतो भमतो जाय, आज माँ नो गरबो(Ramto Bhamto Jay Aaj Maa No Garbo)

रमतो भमतो जाय,
आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

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