नवीनतम लेख

जहाँ राम की चर्चा होती, आता बजरंग बाला (Jahan Ram Ki Charcha Hoti Aata Bajrang Bala)

जहाँ राम की चर्चा होती,

आता बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला,

ओ मेरा बजरंग बाला,

राम नाम की धुन में नाचे,

होके ये मतवाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


राम नाम की माला,

हर दम मेरा बाला जपता,

राम नाम को लेकर,

हर काम को पूरा करता,

चुटकी में हर काम को करता,

मेरा बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


लक्ष्मण की जी की मुरछा से जब,

राम का मन घबराया,

संजीव बूटी लाकर के,

लक्ष्मण का प्राण बचाया,

सीता माँ का पता लगाके,

सारी लंका को जलाया,

मेरा बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


भूत पिसाच निकट नहीं आवे,

जब हनुमत नाम उचारा,

भक्त शिरोमणि राम दुलारा,

पूजे जग इन्हें सारा,

‘मिट्ठू’ केसरी नंदन ये तो,

लाल लंगोटे वाला,

मेरा बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


जहाँ राम की चर्चा होती,

आता बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला,

ओ मेरा बजरंग बाला,

राम नाम की धुन में नाचे,

होके ये मतवाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


अनंग त्रयोदशी व्रत कथा

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है। अनंग त्रयोदशी व्रत प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।

जहाँ आसमां झुके जमीं पर (Jahan Aasman Jhuke Zameen Par)

जहाँ आसमां झुके जमीं पर,
सर झुकता संसार का,

क्यों खास है डोल पूर्णिमा

डोल पूर्णिमा का त्यौहार मुख्य रूप से बंगाल, असम, त्रिपुरा, गुजरात, बिहार, राजस्थान और ओडिशा में मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण की मूर्ति को पालकी पर बिठाया जाता है और भजन गाते हुए जुलूस निकाला जाता है।

दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया (Dard Kisako Dikhaun Kanaiya)

दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया,
कोई हमदर्द तुमसा नहीं है,

यह भी जाने