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रंगीलो मेरो बनवारी(Rangilo Mero Banwari)

मोहिनी मूरत प्यारी,

रंगीलो मेरो बनवारी,

मोहनी मूरत प्यारी ॥


रत्न जड़े कुण्डल कानों में,

रत्न जड़े कुण्डल कानों में,

मोर मुकुट सिर धारी,

रंगीलो मेरो बनवारी,

मोहनी मूरत प्यारी,

रंगीलो मेरो बनवारी ॥


तन केसरियो बागो साजे,

तन केसरियो बागो साजे,

नीले री असवारी,

रंगीलो मेरो बनवारी,

मोहनी मूरत प्यारी,

रंगीलो मेरो बनवारी ॥


नैन रसीला जुलम करे है,

नैन रसीला जुलम करे है,

लेउँ नज़र उतारी,

रंगीलो मेरो बनवारी,

मोहनी मूरत प्यारी,

रंगीलो मेरो बनवारी ॥


खाटू में मंदिर रवि सन्मुख,

खाटू में मंदिर रवि सन्मुख,

जा की शोभा भारी,

रंगीलो मेरो बनवारी,

मोहनी मूरत प्यारी,

रंगीलो मेरो बनवारी ॥


मोहिनी मूरत प्यारी,

रंगीलो मेरो बनवारी,

मोहनी मूरत प्यारी ॥

राम पे जब जब विपदा आई(Ram Pe Jab Jab Vipada Aai)

राम पे जब जब विपदा आई,
कौन बना रखवाला,

जनवरी में कब है संकष्टी चतुर्थी

सनातन हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि साल की पहली संकष्टी चतुर्थी लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानी जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान गणेश जी और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है।

नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मईआ(Nache Nandlal Nachave Hari Ki Maiya)

नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥

भगवान हनुमान जी की पूजा विधि

हनुमान जी की पूजा में विशेष मंत्रों और नियमों का पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजन की शुरुआत गणपति वंदना से होती है, जिसके बाद हनुमान जी को स्नान, वस्त्र, आभूषण, सिंदूर, धूप-दीप और प्रसाद अर्पित किया जाता है।

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