नवीनतम लेख

चंपा षष्ठी पर भोलेनाथ की पूजा कैसे करें

चंपा षष्ठी पर भोलेनाथ को क्यों चढ़ाया जाता है बैंगन व बाजरा, जानिए महत्व



हिंदू धर्म में हर त्योहार और व्रत का विशेष महत्व है। इन्हीं त्योहारों में से एक है चंपा षष्ठी, जो भगवान शिव और उनके पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को मनाए जाने वाला यह पर्व मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान खंडोबा की पूजा विशेष रूप से की जाती है, जिन्हें भगवान शिव का योद्धा अवतार माना जाता है। इस दिन भगवान शिव को बैंगन और बाजरा चढ़ाने की प्रथा है। तो आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं इसके पीछे की वजह और महत्व।   

चंपा षष्ठी का महत्व


चंपा षष्ठी का मुख्य उद्देश्य भगवान खंडोबा की पूजा और उनके द्वारा दुष्ट राक्षसों मल्ला और माली पर प्राप्त विजय का उत्सव मनाना है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान खंडोबा ने अपनी दिव्य शक्ति का उपयोग करके इन राक्षसों का नाश किया और पृथ्वी पर शांति और धर्म की स्थापना की। इस दिन को बुरी शक्तियों से मुक्ति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। ग्रामीण महाराष्ट्र और कर्नाटक में भगवान खंडोबा को किसानों, शिकारियों और योद्धाओं के संरक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है।

शिवलिंग पर बैंगन और बाजरा चढ़ाने का महत्व


चंपा षष्ठी के दिन शिवलिंग पर बैंगन और बाजरा चढ़ाने की परंपरा है। यह प्रथा अद्भुत फलदायी मानी जाती है। बैंगन और बाजरा को पृथ्वी की उर्वरता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से जीवन की समस्याओं का नाश होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

पूजन विधि और लाभ


यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कष्ट और पीड़ा बनी हुई है, तो चंपा षष्ठी के दिन शिवलिंग पर बैंगन, बाजरा और बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव से प्रार्थना करनी चाहिए। पूजा के दौरान निम्नलिखित विधि अपनाएं। 

  • शिवलिंग का अभिषेक: पंचामृत यानी दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। यदि पंचामृत उपलब्ध न हो, तो पानी में एक चुटकी काले तिल मिलाकर अभिषेक करें।
  • दर्शन और पाठ: सुबह और शाम को शिवमहिम्न स्तोत्र और शिव चालीसा का पाठ अवश्य करें। घर में शांति और स्वास्थ्य के लिए भगवान शिव का ध्यान करें।
  • विशेष सामग्री: बैंगन और बाजरा चढ़ाने के बाद, घर की सुख-समृद्धि के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करें। यह माना जाता है कि इन उपायों से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी दुःख व कष्टों का अंत कर देते हैं।

चंपा षष्ठी का आध्यात्मिक महत्व


चंपा षष्ठी हमें सिखाती है कि सच्ची आस्था और समर्पण से जीवन की हर कठिनाई का समाधान पाया जा सकता है। भगवान शिव और उनके अवतार खंडोबा का पूजन न केवल भौतिक जीवन में समृद्धि लाता है, बल्कि आत्मा को भी शांति और शक्ति प्रदान करता है। इस पावन अवसर पर पूजा-अर्चना करके अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरने का प्रयास करें।

लागी तुम संग यारी मेरे बांके बिहारी (Laagi Tum Sang Yaari Mere Banke Bihari)

लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,

थाईपुसम त्योहार कब है

थाईपुसम त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। भक्तजन जीवन की बाधाओं को पार करने के लिए मार्गदर्शन पाने के लिए मुरुगन से प्रार्थना करते हैं।

कहा प्रभु से बिगड़ता क्या (Kaha Prabhu Se Bigadta Kya)

कहा प्रभु से बिगड़ता क्या,
मेरी बिगड़ी बनाने में

कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं (Bhajan: Kalyug Mein Sidh Ho Dev Tumhin Hanuman)

कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना ।

यह भी जाने