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राम नाम जपते रहो, जब तक घट घट मे प्राण (Ram Nam Japte Raho, Jab Tak Ghat Ghat Me Ram)

राम नाम जपते रहो,

जब तक घट घट मे प्राण ।

राम भजो, राम रटो,

राम साधो, राम राम ॥


राम की महिमा का,

कोई आर न कोई पार रे ।

लाख जतन किये,

फिर भी न समझ संसार रे ।

राम के चरणों में मिले,

इस जग के सारे धाम ।

राम भजो, राम रटो,

राम साधो, राम राम ॥


तन में, मन में, और हृदय में,

राम का गुणगान हो ।

हर घडी, हर पल, हर क्षण,

राम का ही ध्यान हो ।

राम में ही मग्न रहे,

भक्ति हो सुबह शाम ।

राम भजो, राम रटो,

राम साधो, राम राम ॥


राम नाम जपते रहो,

जब तक घट घट मे प्राण ।

राम भजो, राम रटो,

राम साधो, राम राम ॥


राम भजो, राम रटो,

राम साधो, राम राम ॥

राम भजो, राम रटो,

राम साधो, राम राम ॥

राम भजो, राम रटो,

राम साधो, राम राम ॥

राम भजो, राम रटो,

राम साधो, राम राम ॥


दशहरा 2024: जानें दशहरे की तारीख और पूजा विधि के साथ शुभ मुहूर्त

बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार यानी दशहरा या विजयादशमी सनातन धर्म का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है।

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भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।

क्यों रखते हैं रवि प्रदोष व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी महीने का पहला प्रदोष व्रत माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। यह तिथि शुरुआत 9 फरवरी 2025, रविवार के दिन पड़ेगी और इसी दिन व्रत करना फलदायी होगा।

क्या कुंवारी लड़कियां भी कर सकती हैं प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि, मनोकामना पूर्ति और कष्टों के निवारण का प्रतीक है। कुंवारी लड़कियों के लिए यह व्रत विशेष रूप से लाभकारी माना है।