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साँवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठाणी है(Sanwariyo Hai Seth Mhari Radha Ji Sethani Hai)

साँवरियो है सेठ,

म्हारी राधा जी सेठाणी है,

साँवरियों है सेठ,

म्हारी राधा जी सेठाणी है,

ये तो जाने दुनिया सारी है ॥


राजाओं के राजा,

महारानी की रानी,

सिरमौर मुकुट साझे,

जोड़ी बड़ी प्यारी,

दरबार है प्यारा,

राधा के संग साझे,

सुने पलने सेठ,

सुने पलने सेठ,

सुने पलने सेठाणी है,

ये तो जाने दुनिया सारी है ॥


सांवरियां राधा जी,

भक्ता पे है राजी,

करे घणो लाड है,

भंडार लुटावे है,

हर बात बणावे है,

भक्ता रा ठाट है,

देवे छप्पर फाड़,

देवे छप्पर फाड़,

नही इनसो कोई दानी है,

ये जाने दुनिया सारी है ॥


सुख दुख मे साँवरियो,

सुख दुख मे राधा जी,

सदा तेरे साथ है,

मेरी चिंता दुर करे,

मेरी विपदा दुर करे,

रख लेवे बात है,

भक्ता रो तो काम,

भक्ता रो तो काम,

बस एक हाजरी लगाणि है,

ये जाने दुनिया सारी है ॥


साँवरियो है सेठ,

म्हारी राधा जी सेठाणी है,

साँवरियों है सेठ,

म्हारी राधा जी सेठाणी है,

ये तो जाने दुनिया सारी है ॥

मैया सदा मुझ पर, किरपा की नजर रखना (Maiya Sada Mujh Par Kirpa Ki Nazar Rakhna)

मैया सदा मुझ पर,
किरपा की नजर रखना,

गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं (Gopal Gokul Valbhe Priya Gop Gosut Valbham)

गोपाल गोकुल वल्लभे,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।

माता जानकी के जन्म से जुड़ी कथा

माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।

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